हिंदू पंचांग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वरà¥à¤· में 24 à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ आती हैं, लेकिन जिस वरà¥à¤· अधिकमास हो तब इनकी संखà¥à¤¯à¤¾ 26 हो जाती है। à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ उपवास रखकर à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ के पूजन का दिन है। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि इस दिन वà¥à¤°à¤¤ रखने, पूजा और दान करने से वà¥à¤°à¤¤à¥€ जीवन में सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿ का à¤à¥‹à¤— करते हà¥à¤ अंत समय में मोकà¥à¤· को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। सà¤à¥€ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤• à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ à¤à¤¸à¥€ à¤à¥€ है जिसमें वà¥à¤°à¤¤ रखकर साल à¤à¤° की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ जितना पà¥à¤£à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जा सकता है। यह है जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€à¥¤ इसे निरà¥à¤œà¤²à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ कहते हैं।
निरà¥à¤œà¤²à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ के संदरà¥à¤ में निरà¥à¤œà¤²à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ की कथा मिलती है। कथानà¥à¤¸à¤¾à¤° सà¤à¥€ पांडवों को धरà¥à¤®, अरà¥à¤¥, काम और मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठमहरà¥à¤·à¤¿ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ वà¥à¤°à¤¤ का संकलà¥à¤ª करवाया। अब माता कà¥à¤‚ती और दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ सहित सà¤à¥€ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ का वà¥à¤°à¤¤ रखते लेकिन à¤à¥€à¤® को मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² थी, जो कि गदा चलाने और à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने के मामले में काफी पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ थे। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‚ख बहà¥à¤¤ लगती थी। उनके लिये महीने में दो दिन उपवास करना बहà¥à¤¤ कठिन था। जब पूरे परिवार का उन पर वà¥à¤°à¤¤ के लिये दबाव पड़ने लगा तो वे इसकी यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ ढूंढने लगे कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‚खा à¤à¥€ न रहना पड़े और उपवास का पà¥à¤£à¥à¤¯ à¤à¥€ मिल जाà¤à¥¤
अपने उदर पर आई इस विपतà¥à¤¤à¤¿ का समाधान à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महरà¥à¤·à¤¿ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ से ही जाना। à¤à¥€à¤® पूछने लगे हे पितामह मेरे परिवार के सà¤à¥€ सदसà¥à¤¯ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ का उपवास रखते हैं और मà¥à¤ पर à¤à¥€ दबाव बनाते हैं। मैं धरà¥à¤®-करà¥à¤®, पूजा-पाठ, दानादि कर सकता हूं लेकिन उपवास रखना मेरे सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ की बात नहीं हैं। तब वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ जी ने कहा, à¤à¥€à¤® यदि तà¥à¤® सà¥à¤µà¤°à¥à¤— और नरक में यकीन रखते हो तो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ लिठà¤à¥€ यह वà¥à¤°à¤¤ करना जरूरी है। इस पर à¤à¥€à¤® की चिंता और à¤à¥€ बॠगई, उसने वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ जी कहा, हे महरà¥à¤·à¤¿ कोई à¤à¤¸à¤¾ उपवास बताने की कृपा करें जिसे साल में à¤à¤• बार रखने पर ही मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हो।
इस पर महरà¥à¤·à¤¿ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने गदाधारी à¤à¥€à¤® को कहा कि हे वतà¥à¤¸ यह उपवास है तो बड़ा ही कठिन लेकिन इसे रखने से तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¤à¥€ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के उपवास का फल पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाà¤à¤—ा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इस उपवास के पà¥à¤£à¥à¤¯ के बारे में सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने मà¥à¤à¥‡ बताया है। तà¥à¤® जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ का उपवास करो। इसमें आचमन व सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के अलावा जल à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¤£ नहीं किया जाता है।
इस à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ की तिथि पर निरà¥à¤œà¤²à¤¾ उपवास रखकर à¤à¤—वान केशव यानी शà¥à¤°à¥€ हरि की पूजा करना और अगले दिन सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾à¤¦à¤¿ कर बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को दान-दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ देकर, à¤à¥‹à¤œà¤¨ करवाकर फिर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ केवल à¤à¤• दिन के उपवास से ही साल à¤à¤° के उपवासों जितना पà¥à¤£à¥à¤¯ मिलेगा। महरà¥à¤·à¤¿ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के बताने पर à¤à¥€à¤® ने यही उपवास रखा और मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ की।
à¤à¥€à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उपवास रखे जाने के कारण ही निरà¥à¤œà¤²à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को à¤à¥€à¤®à¤¸à¥‡à¤¨ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ और चूंकि पांडवों ने à¤à¥€ इस दिन का उपवास रखा तो इस कारण इसे पांडव à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ à¤à¥€ कहा जाता है। इन नामों से à¤à¥€ यह पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है।
निरà¥à¤œà¤²à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ वà¥à¤°à¤¤ है कठिन
जैसा महरà¥à¤·à¤¿ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने à¤à¥€à¤® को बताया था à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ का यह उपवास निरà¥à¤œà¤²à¤¾ रहकर करना होता है इसलिठइसे रखना कठिन होता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤• तो इसमें पानी तक पीने की मनाही होती है दूसरा à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के उपवास को दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के दिन सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ खोला जाता है। अत: इसकी समयावधि à¤à¥€ काफी लंबी हो जाती है।
मरीज वà¥à¤°à¤¤ से परहेज करें, नाम जपें
शà¥à¤°à¥€ विषà¥à¤£à¥ की कृपा पाने के लिठलोग इस वà¥à¤°à¤¤ को करते हैं लेकिन बीमार और डायबीटिज जैसी बीमारियों से जूà¤à¤¨à¥‡ वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤°à¤¤ को करने से पहले विचार करना चाहिà¤à¥¤ यह उनकी सेहत के लिठमà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो सकता है। à¤à¤¸à¥‡ में à¤à¤—वदॠसà¥à¤®à¤°à¤£ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उचित है।
निरà¥à¤œà¤²à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ पूजा विधि
सà¤à¥€ वà¥à¤°à¤¤, उपवासों में निरà¥à¤œà¤²à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ माना जाता है इसलिये पूरे यतà¥à¤¨ के साथ इस वà¥à¤°à¤¤ को करना चाहिà¤à¥¤ वà¥à¤°à¤¤ करने से पहले à¤à¤—वान से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करनी चाहिठकि पà¥à¤°à¤à¥ आपकी दया दृषà¥à¤Ÿà¤¿ मà¥à¤ पर बनी रहे, मेरे समसà¥à¤¤ पाप नषà¥à¤Ÿ हों। इस दिन à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ की पूजा करें। à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से लेकर दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ तक अनà¥à¤¨à¥ व जल का तà¥à¤¯à¤¾à¤— करें। अनà¥à¤¨à¥, वसà¥à¤¤à¥à¤°, जूती आदि का अपनी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° दान कर सकते हैं। जल से à¤à¤°à¥‡ घड़े को à¤à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤° से ढककर उसका दान à¤à¥€ किया जाता है व साथ में कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ à¤à¥€ दिया जाता है। बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥‹à¤‚ अथवा किसी गरीब व जरà¥à¤°à¤¤à¤®à¤‚द को मिषà¥à¤ ानà¥à¤¨à¥ व दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ à¤à¥€ देनी चाहिà¤à¥¤
'ॠनमो à¤à¤—वते वासà¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¯' मंतà¥à¤° का उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ à¤à¥€ करना चाहिà¤à¥¤ साथ ही निरà¥à¤œà¤²à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ की कथा à¤à¥€ पà¥à¤¨à¥€ या सà¥à¤¨à¤¨à¥€ चाहिà¤à¥¤ दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ के बाद विधिपूरà¥à¤µà¤• बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को à¤à¥‹à¤œà¤¨ करवाकर ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ अनà¥à¤¨à¤¾ व जल गà¥à¤°à¤¹à¤£ करें। वà¥à¤°à¤¤à¥€ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिठकि गलती से à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ व आचमन के अलावा जल गà¥à¤°à¤¹à¤£ न हों। आचमन में à¤à¥€ नाममातà¥à¤° जल ही गà¥à¤°à¤¹à¤£ करना चाहिà¤à¥¤ जो वà¥à¤°à¤¤ न कर सकें वे नाम जपें।