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योग और ये कारगार उपाय दिलाएंगे वायरल के टेंशन से मुक्ति

25-06-2018




नमी और तापमान वायरल रोग के चलते घर में वायरल से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है।

वैसे तो बरसात का मौसम हर किसी को पसंद आता है। शीतल फुहारों के बीच गर्म चाय की चुस्की-पकोड़े सभी को लुभाते हैं। लेकिन साथ ही यह वो समय भी है जब नमी और तापमान वायरल रोग के प्रसार में सहायक होते हैं। हर घर में वायरल से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है।

हर कोई फ्लू से पीड़ित दिखाई पड़ता है। ऐसे में वायरल संक्रमण के डर से हम कब तक बिस्तर में पड़े रहेंगे। इसका असल कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना है। अपने शरीर की प्रतिरक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए आप प्राणायम का सहारा ले सकते हैं।

कपालभाति, वातक्रम कपालभाति, धनुरासन, मंडूकासन, पवनमुक्तासन, अग्निसार क्रिया, भस्त्रिका प्राणायाम और अनुलोम-विलोम प्राणायाम के अभ्यास से वायरल से निपट सकते हैं। योग तनाव के हार्मोंस को कम करने में मदद करता है, फेफड़ा और श्वसन तंत्र को बेहतर बनाता है, शरीर को विषयुक्त बनाता है और शरीर के सर्वोत्कृष्ट कार्य को सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर में वापस लाता है।


इस मौसम में क्या करें

घर से बाहर निकलने से पहले अपनी उंगलियों की मदद से नाक के दोनों छिद्रों में थोड़ा सरसों का तेल डाल लें।

फल और सब्जियों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें।

उन भोजनों को ग्रहण करें जिसमें विटामिन बी और सी होता है (हरी सब्जियां और खट्टे फल)।

हर रोज कम-से-कम 10 से 12 ग्लास पानी पियें।

व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। जूतों को घर से बाहर उतारकर रखने की कोशिश करें और घर की चीजों को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह से धो लें।

हर्बल चाय जैसे कैमोमाइल, नींबू या अदरख वायरल संक्रमण को कुछ हद तक शांत कर सकते हैं, जिससे रोगी को बहुत आराम पहुंचता है।

वायरल संक्रमण आपकी पाचन प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिये खाना को ठीक से चबा कर खायें। याद रखें कि कार्बोहाईड्रेट का पाचन (स्टार्च, शर्करा) आपके मुंह में लार और एंजाइमों के साथ शुरु होता है।


इस मौसम में क्या न करें

तली हुई या खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करें।

भीड़-भाड़ वाली जगह पर ना जायें क्योंकि ज्यादातर वायरल का संक्रमण सांस लेने, दूषित पानी पीने या भोजन खाने और ऐसे लोगों के संपर्क में आने से होता है।

अपने कपड़े या प्रसाधन का सामान किसी और के साथ साझा ना करें।

ध्यान रखें कि आपका पेट खाली रहे और आपको कब्ज की शिकायत ना हो।


इस मौसम के दौरान कोई भी गरिष्ट आहार योजना ना बनाएं।

एंटीबॉयोटिक लेने में शीघ्रता ना करें। सर्दी जैसी आम बीमारी में वह पूरी तरह से अप्रभावी है। यह भी हो सकता है कि एंटीबॉयोटिक रोगी के शरीर में बैक्टिरिया को रोकने में मदद करे।

सांस लेने और सांस छोड़ने में एक लयबद्ध पैटर्न अपनाएं। सांस लेने का समय सांस छोड़ने के समय के बराबर होना चाहिए। और यह बात भी याद रखें कि श्वसन के दौरान आपका फेफड़ा फैलना चाहिए न कि आपका पेट।