दंगल और सीकà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ सà¥à¤ªà¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¤¾à¤° जैसी फ़िलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में हर मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² को जीतने वाली ज़ायरा वसीम ने सोशल मीडिया के ज़रिठà¤à¤• बड़ा खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ किया है। ज़ायरा पिछले कई सालों से डिपà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ यानी अवसाद की शिकार हैं।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इंसà¥à¤Ÿà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® पर à¤à¤• लंबा नोट लिखकर अपनी दरà¥à¤¦à¤à¤°à¥€ कहानी बयां की है, जिसे पढ़ने के बाद लगता है कि पिछले कà¥à¤› साल से उनकी ज़िंदगी कितने ख़तरनाक दौर से गà¥à¤œà¤¼à¤°à¥€ है। ज़ायरा ने पूरी तरह ठीक होने के लिठसोशल मीडिया और सोशल लाइफ़ से बà¥à¤°à¥‡à¤• लेने की बात कही है।
ज़ायरा ने इस नोट की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ करते हà¥à¤ लिखा है मैं आख़िरकार यह सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर रही हूं कि लंबे समय से मैं गंà¤à¥€à¤° मानसिक बेचैनी और अवसाद की शिकार हूं। लगà¤à¤— 4 साल से इसलिठसà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं कर पा रही थी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अवसाद शबà¥à¤¦ को सोशल सà¥à¤Ÿà¤¿à¤—à¥à¤®à¤¾ माना जाता है और अकà¥à¤¸à¤° कहा जाता है, अवसाद के लिठतà¥à¤® बहà¥à¤¤ छोटी है या ये महज़ à¤à¤• दौर है जो गà¥à¤œà¤¼à¤° जाà¤à¤—ा। बता दें कि ज़ायरा वसीम अà¤à¥€ 17 साल की हैं और इसी साल अकà¥à¤Ÿà¥‚बर में वो 18 साल पूरा करेंगी। ज़ायरा ने आमिर ख़ान की फ़िलà¥à¤® दंगल में गीता फोगाट के बचपन का किरदार निà¤à¤¾à¤¯à¤¾ था, जबकि सीकà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ सà¥à¤ªà¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¤¾à¤° में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लड़की का रोल पà¥à¤²à¥‡ किया था, जो सिंगर बनने का सपना पूरा करने के लिठदकियानूसी सोच रखने वाले पिता से लड़ जाती है। बेसà¥à¤Ÿ चाइलà¥à¤¡ आरà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ का नेशनल अवॉरà¥à¤¡ à¤à¥€ वो जीत चà¥à¤•à¥€ हैं।
इन फ़िलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में ज़ायरा के काम की काफ़ी तारीफ़ हà¥à¤ˆ थी। ज़ायरा अपनी फ़िलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अलावा कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ बातों के लिठà¤à¥€ ख़बरों में रह चà¥à¤•à¥€ हैं, जो उनकी निजी ज़िंदगी से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ हैं। पिछले साल सोशल मीडिया में उनकी à¤à¤• फोटो वायरल हà¥à¤ˆ थी, जिसमें वो जमà¥à¤®à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° की मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ महबूबा मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ के साथ नज़र आ रही थीं। इस तसà¥à¤µà¥€à¤° को लेकर ज़ायरा की काफ़ी टà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¿à¤‚ग हà¥à¤ˆ थी। बाद में ज़ायरा ने इस मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¼à¤¾à¤¤ के लिठमाफ़ी à¤à¥€ मांगी थी। इसके बाद वो तब सà¥à¤°à¥à¤–ियों में आयीं, जब हवाई यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• सह यातà¥à¤°à¥€ पर मोलेसà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ का गंà¤à¥€à¤° इलà¥à¤œà¤¼à¤¾à¤® लगाया था। उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को गिरफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° कर लिया गया था।
बहरहाल, ज़ायरा के नोट से à¤à¤¸à¤¾ लगता है कि पिछले कà¥à¤› सालों में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जो पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¿ हासिल की है, उसकी क़ीमत à¤à¥€ चà¥à¤•à¤¾à¤ˆ है। ज़ायरा आगे लिखती हैं- "शायद ये महज़ à¤à¤• दौर हो सकता था, लेकिन इस à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ दौर ने मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¥€ परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में डाल दिया, जिसकी मैंने कà¤à¥€ चाहत नहीं की थी। हर रोज़ 5 à¤à¤‚टीडिपà¥à¤°à¥‡à¤¸à¥‡à¤‚ट गोलियां लेना, à¤à¤‚ज़ाइटी अटैकà¥à¤¸, रातों को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² के लिठà¤à¤¾à¤—ना, खालीपन महसूस करते रहना, बेचैनी, हेलà¥à¤¸à¤¿à¤¨à¥‡à¤¶à¤‚स, अधिक सोने पर शरीर में ज़ख़à¥à¤® होने से लेकर कई हफà¥à¤¼à¤¤à¥‹à¤‚ तक नींद ना आने तक, ओवर रिà¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग से लेकर à¤à¥‚खा रहने तक, बेतहाशा थकान, शरीर में दरà¥à¤¦, आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ के ख़याल, सब इस दौर में हà¥à¤†à¥¤"
ज़ायरा के नोट के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पहली बार 12 साल की उमà¥à¤° में अवसाद का दौरा पड़ा था, दूसरा 14 साल की उमà¥à¤° में आया था। ज़ायरा लिखती हैं कि इसके बाद उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद नहीं, कितने दौरे पड़े। मगर, हर बार यही दिलासा दी गयी कि यह कà¥à¤› नहीं है। तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ उमà¥à¤° में डिपà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ नहीं होता। ज़ायरा आगे लिखती हैं कि सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ जानने के बाद à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हमेशा इस à¤à¥à¤°à¤® में रखा गया कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤› नहीं हà¥à¤† है और वो हमेशा ख़à¥à¤¦ से à¤à¥‚ठबोलती रहीं।
ज़ायरा डिपà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ से निपटने के लिठलंबा बà¥à¤°à¥‡à¤• लेना चाहती हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लिखा है, "मैं हर चीज़ से बà¥à¤°à¥‡à¤• लेना चाहती हूं, मेरा सामाजिक जीवन, मेरा काम, सà¥à¤•à¥‚ल और सोशल मीडिया। मैं रमज़ान के पाक महीने में उमà¥à¤®à¥€à¤¦ कर रही हूं कि इस समसà¥à¤¯à¤¾ को हल करने का मौक़ा मिलेगा। अपनी दà¥à¤†à¤“ं में मà¥à¤à¥‡ याद रखना।" अंत में ज़ायरा ने उन सà¤à¥€ लोगों का शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ अदा किया है, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस सबके दौरान उनकी मदद की। ज़ायरा के इस नोट से ज़ाहिर है कि दंगल और सीकà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ सà¥à¤ªà¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¤¾à¤° जैसी फ़िलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की शूटिंग के दौरान वो अवसाद की मानसिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से गà¥à¤œà¤¼à¤° रही थीं।