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देवशयनी एकादशी के पूर्व विवाह के 11 मुहूर्त, फिर दिसंबर तक नहीं गूंजेगी शहनाई

28-06-2018




अधिकमास समाप्त होते ही एक माह से शादियों पर लगा विराम खत्म हो गया है। विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो चुके हैं। देवशयनी एकादशी के पूर्व 11 विवाह मुहूर्त हैं। इसके बाद फिर से एक बार विराम लग जाएगा। दिसंबर तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। हालांकि अबूझ मुहूर्त व तुलसी पूजन के साथ शादियां होंगी।

गौरतलब है कि इस साल मई माह में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं था। वहीं अधिकमास होने के कारण जून में भी विवाह मुहूर्त कम ही थे। ऐसे में जुलाई में शादियों की अच्छी खासी धूम रहने वाली है। इस माह विवाह के 7 मुहूर्त हैं। 21 जुलाई को अबूझ मुहूर्त भी रहेगा। अबूझ मुहूर्त शादियों के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त मना जाता है। इस दिन शादी आदि शुभकार्य करने के लिए पंचाग देखने तक की आवश्यकता नहीं होती है।23 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसके बाद 4 माह तक शादियां नहीं होंगी। क्योंकि 19 नवंबर को देव उठनी ग्यारस तक कोई भी विवाह संबंधी शुभकार्य नहीं होंगे।

मां चामुंडा दरबार के पुजारी पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि 19 नवंबर को देव उठने के 20 दिन बाद तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। हालांकि देव उठनी एकादशी पर तुलसी पूजा के साथ ही बिना मुहूर्त देखे कई विवाह विधि विधान से होते हैं। उन्होंने बताया कि ज्योतिष शास्त्रानुसार विवाह के लिए वर का सूर्य, चंद्र, बल एवं वधु को गुरु एवं चंद्र बल शुभ देखा जाता है व मेष, वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, मकर, कुंभ के सूर्य में शादियां की जाती हैं। कर्क, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मीन के सूर्य में विवाह बंद रहते हैं। शादी के दिन रेखा एवं लग्न बल देखकर तारीख निकाली जाती है। इन सभी ज्योतिष पहलूओं को देखते हुए कुल 22 विवाह मुहूर्त इस साल बाकी रह गए हैं।

 

विवाह मुहूर्त -

जून - 28, 29, 30

 

जुलाई - 4, 5, 6, 9, 10, 11, 15 (21 को अबूझ मुहूर्त, 23 को देवशयनी एकादशी)

नंवबर - à¤à¤• भी विवाह मुहूर्त नहीं हैं। 19 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर विवाह किए जाएंगे।

 

दिसंबर - 8, 10, 11, 15