असà¥à¤¥à¤®à¤¾ या दमा à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ फेफड़ों का विकार है, जो वायà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— में सूजन के कारण होता है। वैसे दमा की आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• दवा से इसका उपचार संà¤à¤µ है। दमा में वायà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— संकरी हो जाती है और बलगम से à¤à¤° जाता है, जिससे वायॠपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ में अवरोध उतà¥à¤ªà¤¨ हो जाता है, जिसके परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प घरघराहट, खांसी और सीने में जकड़न होती है। यदि दमा का दौरा समय पर नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ नहीं होता है, तो यह à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को बेदम छोड़ सकता है।
विशà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ संगठन (डबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚à¤à¤šà¤“) के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में 235 मिलियन लोग दमा से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हैं। जबकि विकसित और विकासशील दोनों देशों में असà¥à¤¥à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है। डबà¥à¤²à¥‚à¤à¤šà¤“ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कम से कम 80 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ असà¥à¤¥à¤®à¤¾ से संबंधित मौतें विकासशील देशों में होती है। यह कदाचित जागरà¥à¤•à¤¤à¤¾ की कमी और उपचार तक पहà¥à¤‚च की कमी के संयोजन के कारण यह हो सकता है। दमा फेफड़ों की à¤à¤• इंफà¥à¤²à¥‡à¤®à¥‡à¤Ÿà¤°à¥€ बीमारी है। यह à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ बीमारी है जो वायà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करता है। आपके शरीर में वायà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— का काम यह है कि हवा को फेफड़े तक ले जाती है। दमा तब उठता है जब आपके फेफड़ों के वायà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— सूज जाते हैं और बाधित होते हैं।
यह कोई à¤à¥€ सच में नहीं जानता कि कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कà¥à¤› लोग दमा से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होते हैं और दूसरों को यह रोग नहीं होता है। à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ अकà¥à¤¸à¤° दमा से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ होती है, लेकिन à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ वाले सà¤à¥€ लोगों को दमा नहीं होती है। इसके कारणों की बात की जाठतो परिवार का इतिहास, बचपन के वायरल संकà¥à¤°à¤®à¤£, जैसे शà¥à¤µà¤¸à¤¨ संकà¥à¤°à¤®à¤£ और खराब सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ इसके लिठजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हैं
सीने में जकड़न, घबराहट, रात की खांसी से थकान, वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करते समय समसà¥à¤¯à¤¾, लंबी बीमारी और संकà¥à¤°à¤®à¤£, सांसों की कमी, दमा के शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ लकà¥à¤·à¤£, खांसी लगातार खांसी à¤à¤• आम असà¥à¤¥à¤®à¤¾ का लकà¥à¤·à¤£ है। खांसी शà¥à¤·à¥à¤• या गीली हो सकती है। यह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ रात में या à¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ के बाद खराब हो सकती है। घरघराहट आमतौर पर जब आप सांस छोड़ते हैं, तो धà¥à¤µà¤¨à¤¿ सीटी जैसी निकलती है। सांस लेने में परेशानी दमा के अनà¥à¤¯ लकà¥à¤·à¤£ की बात की जाà¤, तो इसमें सांस लेने में मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो सकती है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आपके वायà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— में सूजन हो जाता है जिससे वह संकà¥à¤šà¤¿à¤¤ हो जाते हैं।
सीने में जकड़न
जैसे ही वायà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— के आसपास की मांसपेशियां सघन होती है, आपकी छाती कस सकती है। à¤à¤¸à¤¾ महसूस हो सकता है कि कोई आपके ऊपरी धड़ के आसपास रसà¥à¤¸à¥€ से कस रहा है।
थकान
दमा के दौरान, आपके फेफडे को परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं होता हैं।इसका मतलब यह है कि आपके खून में और आपकी मांसपेशियों में कम ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ पहà¥à¤‚च रहा है। कम ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ से हम थका हà¥à¤† महसूस करते हैं।
दमा की आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• दवा
अदरक और हलà¥à¤¦à¥€
अदरक, जिसे पेट के लिठà¤à¤• चिकितà¥à¤¸à¤¾ के रूप में जाना जाता है, हाल ही में वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ ने अदरक को दमा या असà¥à¤¥à¤®à¤¾ के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ को कम करने के लिठबहà¥à¤¤ ही उपयोगी माना है। वहीं हलà¥à¤¦à¥€ से सूजन को कम करने और असà¥à¤¥à¤®à¤¾ के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ को कम करने में मदद मिलती है। अगर इसके आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• उपचार की बात की जाठतो, à¤à¤• गिलास दूध में ताजी अदरक की à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š डालकर उसे उबाल लें और उसमें 1/2 चमà¥à¤®à¤š हलà¥à¤¦à¥€ पाउडर जोड़ें। यदि दिन में इसे दो बार लिया जाता है, तो यह आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• उपाय असà¥à¤¥à¤®à¤¾ के हमलों की आवृतà¥à¤¤à¤¿ कम कर सकता है।
दालचीनी और तà¥à¤°à¤¿à¤•à¤Ÿà¥
आपके शरीर के लिठदालचीनी के फायदे बहà¥à¤¤ है। à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¤¿à¤¡à¥‡à¤‚टà¥à¤¸ और à¤à¤‚टी-इंफà¥à¤²à¥‡à¤®à¥‡à¤Ÿà¤°à¥€ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र दालचीनी हृदय रोग के जोखिम में कटौती कर सकता है। इसके अलावा दालचीनी बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ और फंगल संकà¥à¤°à¤®à¤£ से लड़ने में मदद करता है।
à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š दालचीनी और 1/4 चमà¥à¤®à¤š तà¥à¤°à¤¿à¤•à¤Ÿà¥ को मिलाकर इसे उबालें। कà¥à¤› देर इसे ठंड़ा होने दें और पीने से पहले 1 चमà¥à¤®à¤š शहद को शामिल करें। अधिकतम लाठके लिठदिन में दो बार इसे लें। यह दमा के लिठफायदेमंद उपाय है।
मà¥à¤²à¥‡à¤ ी और अदरक
सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिहाज से मà¥à¤²à¥‡à¤ ी के बहà¥à¤¤ ही फायदे हैं। यह गैसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‡à¤‚टेसà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¨à¤² सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ में सà¥à¤§à¤¾à¤° करता है, यह मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ उपचार के तौर पर काम करता है। इससे वजन कम करने में, सूजन को कम करने तथा इमà¥à¤¯à¥‚निटी को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में मदद मिलती है। दमा या असà¥à¤¥à¤®à¤¾ की रोकथाम के लिठआधा चमà¥à¤®à¤š मà¥à¤²à¥‡à¤ ी (लीकोरिस) और आधा चमà¥à¤®à¤š अदरक के साथ बनाई जाने वाली चाय पीना चाहिà¤à¥¤
तेज पतà¥à¤¤à¤¾ और पिपली
पिपली बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤² संकà¥à¤°à¤®à¤£ करने में मदद करती है। यह असà¥à¤¥à¤®à¤¾ डायरिया और दांत दरà¥à¤¦ में बहà¥à¤¤ ही उपयोगी दवा है। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ का आधा चमà¥à¤®à¤š और पिपली के 1/4 चमà¥à¤®à¤š को 1 चमà¥à¤®à¤š शहद के साथ मिलाकर दो से तीन बार रोजाना लें। दमा या असà¥à¤¥à¤®à¤¾ के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ को रोकने में मदद मिल सकती है। वासा सà¥à¤µà¤°à¤¸ और शहद के साथ लेने पर बहà¥à¤¤ लाठदायक होता हैं . अपामारà¥à¤— कà¥à¤·à¤¾à¤° शहद या गरà¥à¤® पानी से लेना à¤à¥€ हितकारी हैं . मधà¥à¤¯à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ सौफ ,छोटी इलायची मिशà¥à¤°à¥€ का कà¥à¤µà¤¾à¤¥ या चाय के रूप में à¤à¥€ ले सकते हैं .à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ के लिठवृहद हरिदà¥à¤°à¤¾ खंड à¤à¤• à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š सà¥à¤¬à¤¹ शाम पानी से (अपनी ताशीर के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मातà¥à¤°à¤¾ घटाई जा सकतीहैं ) शà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤•à¤¾à¤‚सचिंतामणि रस ,शà¥à¤µà¤¾à¤¸ कà¥à¤ ार रस .अà¤à¥à¤°à¤• रस का उपयोग चिकितà¥à¤¸à¤• की देखरेख में . यदि समय पर आराम न मिले तो ततà¥à¤•à¤¾à¤² चिकितà¥à¤¸à¤• को दिखाना चाहिठकारण इसके बाद यकà¥à¤·à¥à¤®à¤¾ होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बन जाती हैं।