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शरीर में रेडिएशन का प्रभाव कम करता ब्रह्म रसायन

05-07-2018






रेडिएशन के दुष्प्रभाव से होने वाले रोगों की आशंका को कम करने में सहायक ब्रह्म रसायन आयुर्वेद की उपयोगी औैषधि है। यह शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स...

रेडि एशन के दुष्प्र भाव से होने वाले रोगों की आशंका को कम करने में सहायक ब्रह्म रसायन आयुर्वेद की उपयोगी औैषधि है । यह शरीर में एंटी ऑक्सी डेंट्स बढ़ाता है । आंवला, हरड़ व शंखपुष्पी के मिश्रण के अलावा इसे ६० अन्य जड़ी-बूटियों से तैयार करते हैं ।

शोध : इंडियन इंस्टी ट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु व पुष्पा गिरी इंस्टी ट्यूट ऑफ मेडि कल साइंसेज एंड रिसर्च, तिरुवल्ला के वै ज्ञानिकों ने चूहों पर परी क्षण किया ।

इस शोध में चूहों को दो समूह में बांट कर उन पर अ धिक मात्रा में रेडि एशन डाला गया । छह माह तक चली इस शोध में सामने आया कि रेडि एशन से चूहों के जेने टिक तत्त्वों और डी एनए पर असर होने के साथ श्वेत रक्त कणि काओं की संख्या कम होने लगी ।

चूहों का एक समूह जिन्हें ब्रह्म रसा यन की खु राक दी गई थी उनमें अ सर कम हुआ व जितनी क्षति हुई थी उसकी भर पाई एंटी ऑक्सी डेंट्स की मात्रा बढऩे से दूसरे समूह की तुल ना में जल्दी हुई ।

फायदे : आयुर्वेद में इस औषधि को एंटी एजिंग फॉर्मूला बताया गया है । निय मित खाने से शारी रिक व मान सिक कम जोरी दूर होती है और प्रति रो धक क्षमता बढ़ती है । यह एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ा कर थकान दूर करती है । यह कोशिका ओं के पुन र्निर्माण के साथ प्लीहा और मज्जा कोशिका ओं को फैला ती है ।

ब्रह्म रसायन ऐसे लें

चट नी के रूप में इसे १० से १५ ग्राम की मात्रा में गुन गुने दूध या पानी के साथ दिन में दो बार ले स कते हैं । इस का असर à¥§-२ महीने लगातार लेने पर होता है । इसे डायबिटीज के मरीज न लें ।