à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• लाठके लिठगà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤°à¤¿ में जपे यह महामंतà¥à¤°
वेद, शासà¥à¤¤à¥à¤°, पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में गà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤°à¤¿ को जप, तप, साधना के लिठअतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ ही शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ बताया गया हैं । जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° किसान खेत में बीज बोने के लिठकà¥à¤› विशेष à¤à¤¸à¥‡ दिन का इंतजार करते हैं कि उस अनà¥à¤•à¥‚ल अवसर पर खेत में बोया हà¥à¤† बीज बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ उपजेगा । ठीक वैसे ही आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठगà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤°à¤¿ à¤à¤¸à¤¾ ही सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® अवसर हैं । यदि कोई मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन में आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ, à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤– साधना की अपेकà¥à¤·à¤¾ रखता हैं, तो इस गà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤°à¤¿ में नौ दिन तक इस महामंतà¥à¤° का जप अवशà¥à¤¯ करें । अषाड़ मास में 13 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2018 से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहो रही जो 21 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ तक रहेगी ।
जप, तप, व साधना à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤µ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• कमाई है, और ये तीनों ही वह पूà¤à¤œà¥€ है जिसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संसार की अनेक समà¥à¤ªà¤¦à¤¾à¤à¤‚ मनà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकता हैं, साथ ही तप साधना की अगà¥à¤¨à¤¿ में जनà¥à¤® जनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ के संचित पाप, कà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤¾à¤° और दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ à¤à¥€ नषà¥à¤Ÿ होते है । पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल के à¤à¤¸à¥‡ अनेक उदाहरण इतिहास पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में मौजूद हैं जिनमें तप साधना के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बड़े बड़े अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ वरदान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर असाधारण कारà¥à¤¯à¥‹ का समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ होने की सफलताà¤à¤‚ अनेकों को मिली हैं ।
महामंतà¥à¤° जप का विधि विधान
गायतà¥à¤°à¥€ के ऋषि पंडित शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ जी ने गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° को सà¤à¥€ मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का राजा बताते हà¥à¤ लिखा हैं कि जो à¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ गà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤° के नौ दिन तक गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 25 माला यानि की नौ दिनों में कà¥à¤² 24000 मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का जप करता हैं उसके आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• और à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• जीवन में किसी à¤à¥€ चीज का अà¤à¤¾à¤µ नहीं रहेगा । अगर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· में पड़ने वाली चारों नवरातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° का जप करता हैं उसका जीवन देवताओं की तरह बन जाता हैं ।
साधक पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤® मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ में सà¥à¤µà¤šà¥à¤› पवितà¥à¤° होकर घर का पूजा सà¥à¤¥à¤² या किसी मंदिर में पूरà¥à¤µ दिशा की ओर मà¥à¤à¤¹ करके कà¥à¤¶à¤¾ के आसन पर बैठजाà¤à¤‚, अपने पास में जल पातà¥à¤° तथा साकà¥à¤·à¥€ के लिठअगà¥à¤¨à¤¿ के रूप में गाय के घी का दीपक जरूर रखें । साधक सबसे पहले पूजा सà¥à¤¥à¤² पर माता गायतà¥à¤°à¥€ और अपने गà¥à¤°à¥ का आवाहà¥à¤°à¤¨ व धूप, दीप, अकà¥à¤·à¤¤, नैवेदà¥à¤¯ जल, पà¥à¤·à¥à¤ª पूजन करें, आवाहन पूजन के बाद शांत चितà¥à¤¤ बैठकर तà¥à¤²à¤¸à¥€ की माला से उगते हà¥à¤ सूरà¥à¤¯ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° का जप आरमà¥à¤ कर दें । नौ दिनों तक à¤à¥‚मि शयन, हजामत बनाने à¤à¤‚व शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार सामगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¤¾à¤—, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯, मौन à¤à¤µà¤‚ उपवास आदि नियमों का पालन अवशà¥à¤¯ करें ।
नौ दिन में 24 हजार मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का जप, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 2667 मंतà¥à¤°, à¤à¤• माला में 108 दाने होते है, इसलिठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 25 मालाà¤à¤‚ जपने से यह संखà¥à¤¯à¤¾ पूरी हो जाती है । जप करने का à¤à¤• समय निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करें, à¤à¤µà¤‚ नौ दिन ठीक उसी समय पर ही जप करें इससे जप का लाठअधिक मिलता हैं । अगर à¤à¤• समय में जप पूरा नहीं होता हैं तो सà¥à¤¬à¤¹ - शाम दोनों टाईम à¤à¥€ जप कर सकते हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि नवरातà¥à¤° के दिन और रात दोनों ही शà¥à¤ घड़िया होती हैं । पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल पूरà¥à¤µ की ओर à¤à¤µà¤‚ शाम को पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤à¤¹ करके जप करना चाहिठ। जप के बाद सूरà¥à¤¯ को अरà¥à¤˜à¥à¤¯ दें ।
जप पूरा होने पर अंतिम दिन यजà¥à¤ž व विसरà¥à¤œà¤¨
गà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤° में चौबीस हजार गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° का लघॠअनà¥à¤·à¥à¤ ान पूरà¥à¤£ होने पर अनà¥à¤¤à¤¿à¤® दिन 108 मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का यजà¥à¤ž, हवन सामगà¥à¤°à¥€ या गाय के घी से करना अनिवारà¥à¤¯ हैं । आहà¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤£ होने के बाद नारियल गोले या सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ से नौ दिवसीय जप की पूरà¥à¤£à¤¾à¤¹à¥à¤¤à¤¿ कर देव शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की इस à¤à¤¾à¤µ से विदाई करें की वे सदैव अपनी कृपा हमारे पर बनाà¤à¤‚ रखें, बाद में यजà¥à¤ž कà¥à¤‚ड की 4 परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करें, और जप के पà¥à¤£à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठ7 या 11 कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को à¤à¥‹à¤œà¤¨ अवशà¥à¤¯ करावें या फिर किसी सदकारà¥à¤¯ के लिठकà¥à¤› धन का दान करें ।
उपरोकà¥à¤¤ विधि अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ सरल होते हà¥à¤ à¤à¥€ यह बड़ी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€, लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• à¤à¤µà¤‚ सतà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करने वाली है । इस तप की उषà¥à¤£à¤¤à¤¾ से पाप à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤¾à¤° नषà¥à¤Ÿ होते हैं, तथा माठगायतà¥à¤°à¥€ की कृपा से अनेक लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤, योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤‚, परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤µà¤‚ दैवी सहायताà¤à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती हैं ।
जप, तप, व साधना à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤µ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• कमाई है, और ये तीनों ही वह पूà¤à¤œà¥€ है जिसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संसार की अनेक समà¥à¤ªà¤¦à¤¾à¤à¤‚ मनà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकता हैं, साथ ही तप साधना की अगà¥à¤¨à¤¿ में जनà¥à¤® जनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ के संचित पाप, कà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤¾à¤° और दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ à¤à¥€ नषà¥à¤Ÿ होते है । पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल के à¤à¤¸à¥‡ अनेक उदाहरण इतिहास पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में मौजूद हैं जिनमें तप साधना के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बड़े बड़े अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ वरदान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर असाधारण कारà¥à¤¯à¥‹ का समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ होने की सफलताà¤à¤‚ अनेकों को मिली हैं ।
महामंतà¥à¤° जप का विधि विधान
गायतà¥à¤°à¥€ के ऋषि पंडित शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ जी ने गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° को सà¤à¥€ मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का राजा बताते हà¥à¤ लिखा हैं कि जो à¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ गà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤° के नौ दिन तक गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 25 माला यानि की नौ दिनों में कà¥à¤² 24000 मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का जप करता हैं उसके आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• और à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• जीवन में किसी à¤à¥€ चीज का अà¤à¤¾à¤µ नहीं रहेगा । अगर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· में पड़ने वाली चारों नवरातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° का जप करता हैं उसका जीवन देवताओं की तरह बन जाता हैं ।
साधक पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤® मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ में सà¥à¤µà¤šà¥à¤› पवितà¥à¤° होकर घर का पूजा सà¥à¤¥à¤² या किसी मंदिर में पूरà¥à¤µ दिशा की ओर मà¥à¤à¤¹ करके कà¥à¤¶à¤¾ के आसन पर बैठजाà¤à¤‚, अपने पास में जल पातà¥à¤° तथा साकà¥à¤·à¥€ के लिठअगà¥à¤¨à¤¿ के रूप में गाय के घी का दीपक जरूर रखें । साधक सबसे पहले पूजा सà¥à¤¥à¤² पर माता गायतà¥à¤°à¥€ और अपने गà¥à¤°à¥ का आवाहà¥à¤°à¤¨ व धूप, दीप, अकà¥à¤·à¤¤, नैवेदà¥à¤¯ जल, पà¥à¤·à¥à¤ª पूजन करें, आवाहन पूजन के बाद शांत चितà¥à¤¤ बैठकर तà¥à¤²à¤¸à¥€ की माला से उगते हà¥à¤ सूरà¥à¤¯ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° का जप आरमà¥à¤ कर दें । नौ दिनों तक à¤à¥‚मि शयन, हजामत बनाने à¤à¤‚व शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार सामगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¤¾à¤—, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯, मौन à¤à¤µà¤‚ उपवास आदि नियमों का पालन अवशà¥à¤¯ करें ।
नौ दिन में 24 हजार मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का जप, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 2667 मंतà¥à¤°, à¤à¤• माला में 108 दाने होते है, इसलिठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 25 मालाà¤à¤‚ जपने से यह संखà¥à¤¯à¤¾ पूरी हो जाती है । जप करने का à¤à¤• समय निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करें, à¤à¤µà¤‚ नौ दिन ठीक उसी समय पर ही जप करें इससे जप का लाठअधिक मिलता हैं । अगर à¤à¤• समय में जप पूरा नहीं होता हैं तो सà¥à¤¬à¤¹ - शाम दोनों टाईम à¤à¥€ जप कर सकते हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि नवरातà¥à¤° के दिन और रात दोनों ही शà¥à¤ घड़िया होती हैं । पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल पूरà¥à¤µ की ओर à¤à¤µà¤‚ शाम को पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤à¤¹ करके जप करना चाहिठ। जप के बाद सूरà¥à¤¯ को अरà¥à¤˜à¥à¤¯ दें ।
जप पूरा होने पर अंतिम दिन यजà¥à¤ž व विसरà¥à¤œà¤¨
गà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤° में चौबीस हजार गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° का लघॠअनà¥à¤·à¥à¤ ान पूरà¥à¤£ होने पर अनà¥à¤¤à¤¿à¤® दिन 108 मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का यजà¥à¤ž, हवन सामगà¥à¤°à¥€ या गाय के घी से करना अनिवारà¥à¤¯ हैं । आहà¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤£ होने के बाद नारियल गोले या सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ से नौ दिवसीय जप की पूरà¥à¤£à¤¾à¤¹à¥à¤¤à¤¿ कर देव शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की इस à¤à¤¾à¤µ से विदाई करें की वे सदैव अपनी कृपा हमारे पर बनाà¤à¤‚ रखें, बाद में यजà¥à¤ž कà¥à¤‚ड की 4 परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करें, और जप के पà¥à¤£à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठ7 या 11 कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को à¤à¥‹à¤œà¤¨ अवशà¥à¤¯ करावें या फिर किसी सदकारà¥à¤¯ के लिठकà¥à¤› धन का दान करें ।
उपरोकà¥à¤¤ विधि अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ सरल होते हà¥à¤ à¤à¥€ यह बड़ी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€, लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• à¤à¤µà¤‚ सतà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करने वाली है । इस तप की उषà¥à¤£à¤¤à¤¾ से पाप à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤¾à¤° नषà¥à¤Ÿ होते हैं, तथा माठगायतà¥à¤°à¥€ की कृपा से अनेक लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤, योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤‚, परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤µà¤‚ दैवी सहायताà¤à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती हैं ।