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सर्वार्थ सिद्धि योग में 23 जुलाई से चातुर्मास, भगवान विष्णु करेंगे विश्राम, शिव संभालेंगे संसार, ये होगा असर

10-07-2018




 


आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी के चलते चातुर्मास शुरू होने जा रहे हैं। चतुर्मास 19 नवंबर देव उठनी एकादशी तक रहेंगे। इन चार माह में विवाह आदि शुभ कार्य पूरी तरह से बंद रहेंगे। वहीं 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2019 तक मलमास रहने के कारण भी विवाह नहीं हो पाएंगे।

इन चार महीनों में तमाम तरह के शुभ कार्य करना निषेध रहेगा। लेकिन, शहर में विभिन्न स्थानों पर श्रीमद् भागवत, रामायण एवं अन्य धार्मिक आयोजन बड़ी संख्या में होंगे।

पुजारी रामजीवन दुबे ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति 10 जुलाई को रात 11 बजे तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं। गुरु के मार्गीय होने का लाभ आने वाले चातुर्मास में आराधकों को मिलेगा। ऐसे में चातुर्मास के दौरान व्रत करने वालों को धन, स्वास्थ्य एवं प्रतिष्ठा मिलेगी। ज्योतिषियों के मुताबिक चातुर्मास की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रही है।

अधिकमास के कारण एक माह देरी से सोएंगे देव

इस साल अधिकमास पड़ जाने के कारण एक माह देरी से विश्राम पर जाएंगे। इस कारण सनातन धर्म के तमाम तीज त्यौहारों की तिथी 15 दिन तक आगे बढ़ गई है।

पं. दुबे ने बताया कि इस बार अधिकामस होने के कारण सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु एक माह देरी से विश्राम करेंगे। इस कारण चातुमार्स भी एक माह आगे बढ़ जाएगा। इन चार महीनों में आने वाले तीज त्यौहार पिछले साल की तुलना में 10 से 15 दिन आगे बढ़ जाएंगे। शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार माह तक क्षीर सागर में विश्राम करते है। इस दौरान सृष्टि की बागडोर भगवान भोलेनाथ संभालते हैं।

क्या होता है चतुर्मास

शास्त्रानुसार देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक का समय चातुर्मास कहलाता है। इन चार महीनों में विशेष देव आराधना की जाती है। इस दौरान कई हिन्दू तीज त्यौहार भी आते हैं। इस दौरान विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। देश के तमाम साधू-संत चातुर्मास करने अलग-अलग सिद्ध स्थानों पर पहुंचते हैं और विशेष साधना में लीन हो जाते हैं। चातुर्मास समाप्त होने पर वह किसी दूसरी जगह जाकर दोबारा से साधना शुरू करते हैं।

15 दिन आगे बढ़े तीज त्यौहार

जुलाई - 23 जुलाई देवशयनी एकादशी, 27 जुलाई गुरु पूर्णिमा, 28 जुलाई सावन माह प्रारंभ।

अगस्त - 11 अगस्त हरियाली अमावस्या, 15 अगस्त नागपंचमी, 26 अगस्त रक्षाबंधन।

सितंबर - 2 सितंबर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, 13 सितंबर गणेश चतुर्थी, 23 सितंबर अनंत चतुर्दशी।

अक्टूबर - 10 अक्टूबर शारदीय नवरात्र, 19 अक्टूबर दशहरा, 24 अक्टूबर शरद पूर्णिमा।

नवंबर - 5 नवंबर धन तेरस, 7 नवंबर दीपावली, 9 नवंबर भाई दूज, 17 नवंबर अक्षय नवमी, 19 नवंबर देवउठनी एकादशी।

(अधिकमास के कारण ये सभी त्यौहार पिछले साल के मुकाबले 10 से 15 दिन आगे बढ़ गए हैं)