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इस अद्भुत मंत्र के जाप से आपका बुरा समय होगा दूर, उपयोग करें और देखें कमाल

12-07-2018






दुनिया के हर व्यक्ति की यह ख्वाहिश होती है कि वह एक खुशहाल जीवन जिएं। लेकिन दुनिया की करीब 99 फीसदी आबादी के साथ कुछ ना कुछ परेशानियां लगी ही रहती हैं। कई लोग तो ना चाहते हुए भी बुरे समय से घिरे रहते हैं। हालांकि, इसके निवारण के लिए वह लाख कोशिशें कर लेते हैं, लेकिन उनके दुख उनका साथ छोड़ने को तैयार ही नही होते। ऐसे ही किसी दुखद परिस्थिति अगर आपके साथ भी गुज़र रही है, तो यह खबर आप ही के लिए है।

दरअसल, कई लोग सुबह रोजाना नींद से जागने के बाद अपनी हथेलियों को देखते हैं। वहीं, कई सुबह उठते ही भगवान को प्रणाम करते हैं। इसके लिए उनकी मान्यता होती है कि, उनपर गुज़र रहा बुरा समय किसी तरह टल जाए और शुभ समय उनके साथ चलने लगे। लेकिन, अगर आप यह सब काम नहीं करते, तो चिंता की बात नहीं, क्यूंकि अब से अगर आप कुछ चमत्कारिक मन्त्रों का उच्चारण करना शुरू कर देते है तो आपका जीवन भी खुशियों से भर जाएगा। बता दें कि, वामन पुराण के 14वें अध्याय के 21 से 25वे श्लोकों में स्वयं देवो के देव महादेव ने इन श्लोकों की महानता बताई है। अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन इन श्लोकों का उच्चारण कर लेता है तो उसके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि आने लगती है और बुरी शक्तियां भाग जाती हैं।

यह भी ज़रूरी नहीं कि आपका जीवन किसी समस्याओं से ही घिरा हो। हो सकता है आपका जीवन बिना किसी साधना के ठीक ठाक चल रहा हो, लेकिन यह मंत्र आपके और आपके परिवार की सुख और समृद्धी के लिए भी काफी कारगर है। इसलिए अगर रोजाना सुबह उठकर इन मंत्रों का उच्चारण करेंगे तो, जल्द ही इसका परिणाम आपके सामने होगा। अगर इस खबर में दिए मंत्र आपको याद ना हों, तो आप इस खबर के URL को सेव करके भी रख सकते हैं, इससे आप इन मंत्रों का उच्चारण हर बार देखकर भी कर सकते हैं।


ये हैं वह खास मंत्र

ब्रह्मा मुरारिरित्रपुरान्कारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।

गुरुश्च शुक्र: सह भानुजेन कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।

भृगुर्वसिष्ठ: क्रतुरडिराश्च मनु: पुलस्त्य: पुलद्ध: सगौतम: ।

रैभ्यो मरीचिश्चयवनो ऋभुश्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।

सनत्कुमार: सनक: सनन्दन: सनातनोप्यासुरिपिडलौ च।

सप्त स्वरा: सप्त रसातलाश्र्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।


यह है इस चमत्कारित मंत्र का अर्थ

ब्रह्मा, विष्णु, शिव ये देवता तथा सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि ये सभी ग्रह मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं। भृगु, वसिष्ठ, क्रतु, अडिग्रा, मनु, पुलस्त्य, पुलह, गौतम, रैभ्य, मरीच, च्यवन और ऋभु- ये सभी ऋषि मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं। सनत्कुमार, सनक, सन्नदन, सनातन, आसुरि, पिडग्ल, सातों स्वर और सातों रसातल- ये सभी मेरी सुबह और दिन को मंगलमय एवं समृद्ध शाली बनाएं।

आप इन दो मंत्र का भी उच्चारण कर सकते हैं यह भी आपको इनके बराबर लाभ प्रदान करेंगे


ब्रह्मा मुरारिरित्रपुरान्कारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।

गुरुश्च शुक्र: सह भानुजेन कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।


अर्थ: ब्रह्मा, विष्णु, शिव ये देवता तथा सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि ये सभी ग्रह मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं।