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आजादी के बाद दूसरी बार 15 अगस्त को पड़ रही है नागपंचमी, बन रहा है ये महासंयोग

12-07-2018





 à¤¸à¤¾à¤² 2018 में सावन का महीना आने वाली 28 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। ये महीना 28 जुलाई से शुरू होकर 26 अगस्त रक्षाबंधन को समाप्त होगा। इसी बीच हरियाली तीज का पर्व 13 अगस्त को व नागपंचमी 15 अगस्त को और 26 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा बताते है कि इस वर्ष के सावन में 19 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब सावन का महीना 29 से 28 के बजाय पूरे 30 दिन का होगा। साथ ही दूसरा संयोग ये है कि भारत देश के आजाद होने के बाद ये दूसरा मौका होगा जब नागपंचमी 15 अगस्त को पड़ रही है। इस महासंयोग से इस बार की नागपंचमी का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है।

कुंडली में पूर्ण कालसर्प योग

पंडित जी के अनुसार इस बार कुंडली में पूर्ण कालसर्प योग है। पूर्ण कालसर्प योग के कारण ही इस बार नागपंचमी का महत्व ज्यादा है। इस बार इस दिन विशेष योग बन रहे है। आपको बता दें कि 38 साल पहले 15 अगस्त 1980 को नागपंचमी पड़ी थी। इस बार नागपंचमी सुबह 6.07 बजे से शाम 4.16 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग में रहेगी। शुभ कार्यों के लिए इस नागपंचमी में विशेष योग बन रहे है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि के समय पुष्य नक्षत्र तथा चंद्रमा व चार अन्य ग्रह सूर्य, बुध, शुक्र, शनि की साक्षी में पंचग्रही योग था। साथ ही इस दिन ही कालसर्प योग भी था। शायद इसीलिए प्राकृतिक आपदा, आतंकवाद जैसी समस्याएं लगातर बनी हुई हैं।

नागपंचमी के दिन खुलते हैं इस मंदिर के कपाट

नागपंचमी के दिन ही उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले जाते है। इस बार भी 14 अगस्त की रात को इस मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे और 15 अगस्त का रात को 12 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। इस मंदिर के पट को खोलने और बंद करने का काम महानिर्वाणी अखाड़े के महंत करेंगे।