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यह रत्न जोखिम भरे निवेशों का कार्य कर रहे व्यक्ति का चमकता सकता है भाग्य

22-07-2018






रत्न घारण करना आजकल बहुत आम बात हो गई है। कोई इसे ज्योतिष के अनुसार पहनता है तो कोई इसे मात्र फैशन के तौर पर धारण करते हैंष लेकिन आपको बता दें की इस तरह किसी भी रत्न को ज्योतिषी की सलाह के बिना धारण नहीं करना चाहिए। क्योंकि रत्न को धारण करने से जितना उसका फायदा होता है यदि वह रत्न धारण कर लिया जाए तो उसके आपको भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकते है। रत्न अनेक प्रकार के होते हैं, हम आपको यहां लहसुनिया रत्न क्यों धारण किया जाता है और इसके क्या लाभ होते हैं इसके बारे में बताने जा रहे हैं। लहसुनिया रत्न केतु का रत्‍न होता है। यह रत्न बेहद चमकीला होता है। इसकी अपनी विशेष बनावट होती है, जिसके कारण इसे अंग्रेजी में ‘कैट्स आई’ कहा जाता है। ये सफेद, काला, पीला और हरा चार रंगों में पाया जाता है। जिनमें से प्रत्‍येक में धारियां होती हैं। हल्के पीले रंग का लहसुननिया रत्न सरकारी परीक्षा की तैयारी करने वाले लोगों के लिए बहुत लाभदायक रत्न होता है। इसके अलावा आइए जानते हैं इससे होने वाले अन्य लाभों के बारे में...

 

लहसुनिया रत्न धारण करने के होते हैं कई लाभ

1. लहसुनिया उन जातकों के लिए बेहद उत्तम होता है जो शेयर बाजार या जोखिम भरे निवेश कार्य करते हैं। इस रत्न की कृपा से जोखिम भरे निवेशों का कार्य कर रहे व्यक्ति का भाग्य चमकता है।

2. व्यावसायिक क्षेत्र में यदि आपकी तरक्की लंबे समय से रुकी हुई है, तब भी यह रत्न काफी लाभकारी साबित होता है। इसके प्रभाव से आपको प्रोफेशनल लाइफ में सफलता प्राप्त होती है। फंसा हुआ पैसा व खोई हुई आर्थिक संपदा को भी वापस लाने में लहसुनिया लाभदायी होता है।

3. इस रत्न को धारण करने से आप बुरी नज़र के प्रभाव से भी बचे रहते हैं।

4. केतु जीवन को बहुत संघर्ष पूर्ण बना देता है और कड़ा सबक सिखाता है। लहसुनिया केतु का ही रत्न है जो इस चुनौती भरी स्थिति में भी आपको सुख-सुविधाओं का आनंद प्राप्त करवाता है।

5. अध्यात्म की राह पर चलने वालों के लिए भी लहसुनिया रत्न लाभकारी होता है। इसको धारण करने से सांसारिक मोह छूटता है और व्यक्ति अध्यात्म व धर्म की राह पर चलने लग जाता है।

6. लहसुनिया के प्रभाव से शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं। अवसाद, लकवा व कैंसर जैसी बीमारियों में भी यह रत्न लाभदायक होता है।

7. लहसुनिया मन को शांति प्रदान करता है और इसके प्रभाव से स्मरण शक्ति तेज होती है और आप तनाव से दूर रहते हैं।

ऐसे धारण करें लहसुनिया रत्न

आपको बता दें कि इस रत्न को ऐसे ही धारण नहीं करना चाहिए इसे सोमवार के दिन कच्चे दूध व गंगाजल से धोकर अनामिका अंगुली में निम्नलिखित मंत्र के उच्चारण के साथ धारण करनी चाहिए - ओम स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः

इन बातों का जरुर रखें ध्यान

ऐसे लहसुनिया को धारण नहीं करना चाहिए जो किसी भी तरीके के खंडित हो या जिसे देखकर अच्‍छी अनुभूमि नहीं हो रही हो। इसके साथ ही लहसुनिया रत्न के साथ माणिक्‍य, मूंगा, मोती और पीला पुखराज कभी नहीं पहनना चाहिए। जब भी आप इस रत्न को धारण करें उससे पहले ज्योतिशाचार्य से सलाह जरुर लें उसके बाद ही इसे धारण करें।