यूनानी चिकितà¥à¤¸à¤¾ में कई दवाओं को रोगों के निदान के लिठदूध के साथ या इसमें मिलाकर और उबालकर देते हैं
माउलà¥à¤œà¥à¤¬à¥à¤¨ के लाà¤
दूध फाड़कर निकाला गया पानी माउलà¥à¤œà¥à¤¬à¥à¤¨ कहलाता है। यह सà¥à¤ªà¤¾à¤šà¥à¤¯ होता है जो शरीर में तà¥à¤°à¤‚त अवशोषित हो जाता है। पीलिया रोग और पेट को साफ रखने के लिठइसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते हैं। लिवर व पेट संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं में à¤à¥‹à¤œà¤¨ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ कर डाइटोथैरेपी दी जाती है। ऎसे में विशेषजà¥à¤ž हलà¥à¤•à¥‡ à¤à¥‹à¤œà¤¨ के तौर पर इसे पीने की सलाह देते हैं ताकि शरीर में à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ बनी रहे।
कमजोर याददाशà¥à¤¤
विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ औषधियों के शीरे (पानी में औषधि को पीसकर उसका रस निकालना) को दूध में मिलाकर इसका हरीरा तैयार किया जाता है, इसे नियमित रूप से लेने से याददाशà¥à¤¤ बढ़ती है।
गले में सूजन
अमलतास की फलियों का गूदा निकालकर दूध में उबालें। गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¤¾ होने के बाद इससे गरारे करने से गले के दरà¥à¤¦ में आराम मिलता है। कफ की परेशानी होने पर दूध में इलायची उबालकर à¤à¥€ पी सकते हैं।
चेहरे पर चमक
दूध रकà¥à¤¤à¤¸à¤‚चार को दà¥à¤°à¥‚सà¥à¤¤ रखता है जिससे तà¥à¤µà¤šà¤¾ की कोशिकाà¤à¤‚ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहती हैं। उबटन (गाजा) को चेहरे पर लगाने से तà¥à¤µà¤šà¤¾ चमकदार होती है। इस उबटन को बनाने के लिठकई तरह के अनाज को पीसा जाता है और उसमें दूध, हलà¥à¤¦à¥€ व चंदन को मिलाया जाता है। इसके बाद इसे पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में लेते हैं।
पनीरमाया
बचà¥à¤šà¥‡ के जनà¥à¤® के बाद गाय, à¤à¥‡à¤¡à¤¼ या ऊंटनी के दूध से तैयार पनीर को पनीरमाया कहते हैं। इसमें इमà¥à¤¯à¥à¤¨à¥‹à¤—à¥à¤²à¥‹à¤¬à¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में मौजूद होता है जो रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ को बढ़ाकर दिल और दिमाग को मजबूत बनाता है। विशेषजà¥à¤ž इसे मरीज की अवसà¥à¤¥à¤¾ व उमà¥à¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लेने की सलाह देते हैं। दूध को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ तरह और विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ चीजों के साथ सेवन से अलग-अलग असर होता है।