डबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚à¤à¤šà¤“ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हर साल à¤à¤¾à¤°à¤¤ में 4 करोड़ यूनिट से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रकà¥à¤¤ की जरूरत होती है। लेकिन 40 लाख यूनिट रकà¥à¤¤ ही उपलबà¥à¤§ हो पाता है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दो सैकंड में à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को रकà¥à¤¤ की जरूरत पड़ती है। यह कमी लोगों में बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूकता में कमी से है।
दरअसल जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ से संबंधित कई तरह की à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियों से घिरे होते हैं, जिससे वे रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ से दूरी बनाठरखते हैं। à¤à¤• रिसरà¥à¤š के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• नियमित बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन से कैंसर व दूसरी बीमारियां होने की आशंका कम होती है। बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन के दौरान जितना बà¥à¤²à¤¡ लिया जाता है, 21 दिनों में शरीर उसे फिर से बना लेता है। बà¥à¤²à¤¡ का वॉलà¥à¤¯à¥‚म शरीर 24 से 72 घंटे मे पूरा कर लेता है। रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ दिवस (१४ जून) के मौके पर यहां हम कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ ही à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियों के बारे में चरà¥à¤šà¤¾ कर रहे हैं।
बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन से रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ कमजोर होती है?
रोगपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• तंतà¥à¤° पर रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ का कोई असर नहीं होता है बलà¥à¤•à¤¿ लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाà¤à¤‚ कà¥à¤› ही दिनों में सामानà¥à¤¯ हो जाती हैं। हालांकि सफेद रकà¥à¤¤ कोशिकाओं को सामानà¥à¤¯ होने में कà¥à¤› सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ लगते हैं। हालांकि जब शरीर को इनकी जरूरत होती है तो ततà¥à¤•à¤¾à¤² इनका निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥€ हो जाता है।
बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन के बाद उलà¥à¤Ÿà¥€- सिरदरà¥à¤¦ होने लगते हैं?
अगर बà¥à¤²à¤¡ डोनर का बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° सामानà¥à¤¯ है तो à¤à¤¸à¥€ कोई समसà¥à¤¯à¤¾ नहीं हो सकती है। इसलिठरकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ से पहले बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° और बà¥à¤²à¤¡ शà¥à¤—र की जांच जरूर करवानी चाहिà¤à¥¤ डायबिटीज के पेशेंट जो इंसà¥à¤²à¤¿à¤¨ लेते हों उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ नहीं करना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤¸à¤ªà¤¿à¤°à¤¿à¤¨, à¤à¤‚टीबायोटिक, à¤à¤‚टी-हाइपरटेंसिव, सà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‰à¤¯à¤¡à¥à¤¸, हॉरà¥à¤®à¥‹à¤¨à¥à¤¸, इनà¥à¤¹à¥‡à¤²à¥à¤°à¥à¤¸ आदि का नियमित सेवन करने वालों को à¤à¥€ रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ नहीं करना चाहिà¤à¥¤
रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ के बादआराम जरूरी है?
रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ के बाद डेली रूटीन का कारà¥à¤¯ आसानी से किया जा सकता है लेकिन जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तेज धूप में जाने से बचना चाहिà¤à¥¤ रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ के 2-3 घंटे बाद ही गाड़ी चलानी चाहिà¤à¥¤ 10-12 गà¥à¤²à¤¾à¤¸ पानी और जूस पीना चाहिà¤à¥¤
नियमित बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन से मोटापा कम
रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ से वजन पर असर नहीं पड़ता है। कà¥à¤› लोग बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन के बाद कमजोरी से बचने के लिठà¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ से दूरी बनाने के साथ ही जरूरत से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खाने लगते हैं। à¤à¤¸à¥‡ में उनका वजन बढऩे लगता है लेकिन रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ के साथ वेट बढऩे का कोई संबंध नहीं होता है। हैलà¥à¤¦à¥€ लाइफसà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤², नियमित à¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ और विटामिन à¤, बी यà¥à¤•à¥à¤¤ बैलेंसà¥à¤¡ डाइट लेते रहने के साथ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ यदि नियमित तौर पर रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ करता रहे, तो उसकी सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤‚थ में इजाफा होता है।
धूमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¨ करने वाले रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ नहीं कर सकते?
रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ से तीन घंटे पहले और बाद में धूमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¨ नहीं करें। अलà¥à¤•à¥‹à¤¹à¤² के सेवन में à¤à¥€ 24 घंटे का अंतराल रखें। रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ के लिठ17 साल उमà¥à¤° व वजन कम से कम 50 किलो होना जरूरी है।
महिलाà¤à¤‚ रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ ना करें?
महिलाओं में अकà¥à¤¸à¤° हीमोगà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤¿à¤¨ की मातà¥à¤°à¤¾ कम होती है, जिनमें हीमोगà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤¿à¤¨ की मातà¥à¤°à¤¾ अचà¥à¤›à¥€ है वे रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ कर सकती हैं। गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ या सà¥à¤¤à¤¨à¤ªà¤¾à¤¨ कराने वाली, खून की कमी या अनà¥à¤¯ बीमारी से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ महिलाà¤à¤‚ रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ नहीं करें।
à¤à¤¸à¥‡ बढ़ाà¤à¤‚ हीमोगà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤¿à¤¨
हीमोगà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤¿à¤¨ लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाओं में पाया जाने वाला à¤à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ होता है जो शरीर में ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ का वहन करता है और रकà¥à¤¤ को लाल रंग देता है। हीमोगà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤¿à¤¨ का सà¥à¤¤à¤° सà¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ में अलग-अलग पाया जाता है। लेकिन à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ सà¥à¤¤à¤° से हीमोगà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤¿à¤¨ कम नहीं होना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤¸à¥‡ में अपनी डाइट में आयरन यà¥à¤•à¥à¤¤ चीजों को शामिल करना चाहिà¤à¥¤ हरे पतà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, सेरेलà¥à¤¸, दालें, पालक, चà¥à¤•à¤‚दर, सेम की फली, टमाटर, गाजर, शकरकंद, बà¥à¤°à¥‹à¤•à¤²à¥€, मकà¥à¤•à¤¾, राजमा, आदि का सेवन करें।
जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ को कमजोरी और बीमारी से जोड़ते हैं, लेकिन वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में यह फिटनेस की निशानी है। रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ से न सिरà¥à¤« नई लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाओं का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है, बलà¥à¤•à¤¿ यह शरीर में मौजूद विषैले पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ बाहर निकालता है। यकीन मानिठरकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ आपको फिट बना सकता है।
बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन से पहले धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें
तीन महीने बाद ही दोबारा बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन करना चाहिà¤à¥¤ इस दौरान रकà¥à¤¤ कोशिकाओं का पà¥à¤¨: निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो जाता है। साल में चार बार से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बà¥à¤²à¤¡ डोनेट नहीं करना चाहिà¤à¥¤
18 से 65 वरà¥à¤· की आयॠऔर 45 किगà¥à¤°à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वजन होने पर रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ कर सकते हैं। साथ ही हीमोगà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤¿à¤¨ की मातà¥à¤°à¤¾ 12.5 मिगà¥à¤°à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होनी चाहिà¤à¥¤
बà¥à¤²à¤¡ डोनेशन के बाद à¤à¤°à¤ªà¥‚र मातà¥à¤°à¤¾ में पानी या तरल पदारà¥à¤¥ का सेवन करें। इससे डीहाइडà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ नहीं होता। कोलà¥à¤¡ डà¥à¤°à¤¿à¤‚कà¥à¤¸ या à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ डà¥à¤°à¤¿à¤‚कà¥à¤¸ का सेवन करने से बचें।