सेहतमंद रहने के लिठहर तीन महीने के अंतराल में तेल की वैराइटी को बदलना चाहिà¤à¥¤ आमतौर पर कà¥à¤•à¤¿à¤‚ग ऑयल में तीन तरह के फैटी à¤à¤¸à¤¿...
सेहतमंद रहने के लिठहर तीन महीने के अंतराल में तेल की वैराइटी को बदलना चाहिà¤à¥¤ आमतौर पर कà¥à¤•à¤¿à¤‚ग ऑयल में तीन तरह के फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ सैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡, अनसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ और टà¥à¤°à¤¾à¤‚स फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ पाठजाते हैं। इनमें से सैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ (दूध व अनà¥à¤¯ से तैयार होते हैं) और टà¥à¤°à¤¾à¤‚स फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ शरीर के लिठनà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤¯à¤• है जो कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² का लेवल बढ़ाकर कई रोगों का कारण बनते हैं। अनसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ (पेड़-पौधे व सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से निकले ततà¥à¤¤à¥à¤µ से तैयार) में मोनोअनसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ (जो सामानà¥à¤¯ में लिकà¥à¤µà¤¿à¤¡ व तापमान के घटने पर जम जाà¤) और पॉलिअनसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ (जो किसी à¤à¥€ तापमान में लिकà¥à¤µà¤¿à¤¡ फॉरà¥à¤® में ही रहे) होते हैं।
इसलिठबदलाव जरूरी...
हमारे शरीर को à¤à¤¸à¥‡ कई अहम फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡à¥à¤¸ की जरूरत होती है जिनकी पूरà¥à¤¤à¤¿ फल या सबà¥à¤œà¥€ से नहीं हो पाती है। इसके लिठखाने में सही तेल को चà¥à¤¨à¥‡à¤‚ जो उस विशेष ततà¥à¤¤à¥à¤µ की पूरà¥à¤¤à¤¿ कर सके। हर तेल में à¤à¤• विशेष फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ होता है व à¤à¤¸à¥‡ में यदि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤• ही तेल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— लंबे समय तक करे तो उसके शरीर में अनà¥à¤¯ तेल से मिलने वाले फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ का अà¤à¤¾à¤µ होने लगता है। जो रोजाना कम से कम तीन तरह के तेल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कर रहे हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हर तीन माह में तेल बदलना जरूरी नहीं।
सोयाबीन का तेल
सोयाबीन का तेल शरीर में कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² को कम करता है। यह ओमेगा-३,६ का बेहतर सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ है जो हृदय की सेहत के लिठअहम हैं।
सावधानी : इस तेल का उपयोग डीप फाई करने में न करें वरà¥à¤¨à¤¾ कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² का सà¥à¤¤à¤° गड़बड़ा सकता है।
वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ घी खतरनाक
इसमें टà¥à¤°à¤¾à¤‚स फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होते हैं जो सेहत को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चाते हैं। तेल के मामले में रिफाइंड ऑयल अचà¥à¤›à¤¾ विकलà¥à¤ª है। देसी घी को सीमित मातà¥à¤°à¤¾ में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें। रोजाना à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š ले सकते हैं।
सरसों का तेल
सरसों का तेल मोनोअनसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ होता है। इसमें कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² व à¤à¤²à¤¡à¥€à¤à¤² की मातà¥à¤°à¤¾ कम और विटामिन-ई जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होता है। यह तेल असà¥à¤¥à¤®à¤¾ को कंटà¥à¤°à¥‹à¤² करता है। सरसों में फाइटोनà¥à¤¯à¥‚टà¥à¤°à¤¿à¤à¤‚टà¥à¤¸ पाठजाते हैं जो गैसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‡à¤‚टेसà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¨à¤² कैंसर को रोकने में मदद करता है। यह शà¥à¤—र लेवल को à¤à¥€ कंटà¥à¤°à¥‹à¤² करते हैं।
सावधानी : इसे तीन माह जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में लेने से इसमें मौजूद यूरोसिक à¤à¤¸à¤¿à¤¡ का सà¥à¤¤à¤° बढ़ जाता है, जो टà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤—à¥à¤²à¤¿à¤¸à¤°à¥‰à¤‡à¤¡ के लेवल को à¤à¥€ बढ़ोता है। यह ततà¥à¤¤à¥à¤µ हृदय की कोशिकाओं व फेफड़ों में जमकर नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चाता है। साथ में अनà¥à¤¯ तेल पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में लें।
नारियल का तेल
इसमें सैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ फैट होता है, लेकिन कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² न के बराबर होता है। यह सेहत के लिहाज से ठीक है, लेकिन इसके साथ अनà¥à¤¯ तेलों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना चाहिà¤à¥¤ इस तेल में à¤à¤‚टीबैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤² व à¤à¤‚टीफंगल गà¥à¤£ होते हैं जो वायरस, फंगस व बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से बचाव करते हैं। यह तेल वजन घटाने के लिठमददगार है।
सावधानी : इसे कà¤à¥€-कà¤à¤¾à¤° सबà¥à¤œà¥€ बनाने में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें लेकिन इस तेल में डीप फà¥à¤°à¤¾à¤ˆ न करें।
मूंगफली का तेल...
मूंगफली का तेल कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² को कम करता है। जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। इसे कà¥à¤•à¤¿à¤‚ग ऑयल के रूप में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कर सकते हैं। साथ ही इसमें à¤à¤°à¤ªà¥‚र मातà¥à¤°à¤¾ में मोनोअनसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ होते हैं जो शरीर में फैट को बढऩे से रोकते हैं। इसे à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट ततà¥à¤¤à¥à¤µ का बेहतर सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ माना जाता है। इसके अलावा ऑलिव ऑयल मेंं पॉलिसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ फैटà¥à¤¸ होते हैं।
सावधानी : यह तेल हृदय की धमनियों में रकà¥à¤¤ के पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ को बेहतर करता है। जिससे हृदय रोगों की आशंका कम हो जाती है। लेकिन साथ में कोई और तेल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— न करने या हर तीन माह में न बदलने से यह धीरे-धीरे धमनियों में जमने लगता है।