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शारीरिक इन समस्याओं के प्रयोग करें बेकिंग सोडा और फाइबर

20-08-2018





बेकिंग सोडा बेहद प्रभावी टूथ वाइटनिंग है। टूथब्रश को गीला करें और थोड़ा-सा बेकिंग सोडा लगाकर 2-3 मिनट ब्रश  à¤•à¤°à¥‡à¤‚। इसके बाद अच्छी तरह कुल्ला करें। चाहें तो बाद में टूथपेस्ट से भी दांत साफ कर लें। इससे दांतों का पीलापन दूर होगा। 

बालों के लिए : शैंपू में एक चौथाई बेकिंग सोडा मिलाकर बाल धोएं। इससे बाल मुलायम होंगे।
दांतों की सफाई : बेकिंग सोडा बेहद प्रभावी टूथ वाइटनिंग है। टूथब्रश को गीला करें और थोड़ा-सा बेकिंग सोडा लगाकर 2-3 मिनट ब्रश  à¤•à¤°à¥‡à¤‚। इसके बाद अच्छी तरह कुल्ला करें। चाहें तो बाद में टूथपेस्ट से भी दांत साफ कर लें। इससे दांतों का पीलापन दूर होगा। 

दाद : त्वचा पर जहां दाद हैं, वहां थोड़ा-सा बेकिंग सोडा लगाएं। इससे बैक्टीरिया निष्क्रिय होंगे और दाद मिट जाएंगे।
पैर : एक बाल्टी गर्म पानी में तीन चम्मच सोडा डालें और इसमें पैर डालकर इनकी मसाज करें। इसके बाद पैरों को सुखाकर क्रीम या लोशन लगाएं। इससे मृत त्वचा हट जाएगी। 

हाथ: इस अंग पर बेकिंग सोडा मलने से बैक्टीरिया मिट जाएंगे और घर पर बैठे ही आपका मैनीक्योर   हो जाएगा। 
नाखून : बेकिंग सोडा और सेब का सिरका नाखूनों को फंगल इंफेक्शन से बचाते हैं। टब में एक कप सेब का सिरका डालें व उसमें 15 मिनट तक पैर रखें। इसके बाद तौलिए से पैरों को पोंछ लें। 15 मिनट बाद पैरों को 4-5 टी-स्पून बेकिंग सोडा के पानी में रखें। संक्रमण दूर होकर पैर मुलायम बनेंगे। 

फाइबर रखतें हैं दिल-दिमाग दुरुस्त 
रेशेदार भोजन का नियमित सेवन समय पूर्व मृत्यु की आशंका को 10 फीसदी कम कर देता है। शरीर के कई अंगों को फाइबर से फायदा होता है। रोजाना कम से कम 25 ग्राम फाइबर भोजन में होना चाहिए।
दिमाग : रोजाना की डाइट में सात ग्राम फाइबर और जोड़ लेंगे तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा सात फीसदी कम हो सकता है।
दिल : सात ग्राम फाइबर के सेवन से हार्ट डिजीज का खतरा नौ फीसदी कम हो जाता है क्योंकि फाइबर में कोलेस्ट्रॉल घटाने की शक्ति होती है।
कमर : जो लोग 30 ग्राम या इससे ज्यादा फाइबर रोजाना डाइट में शामिल करते हैं उनकी कमर के आसपास का घेरा नहीं बढ़ता।
किडनी : रोजाना 21 ग्राम से ज्यादा फाइबर से भरपूर डाइट लेने से किडनी स्टोन की आशंका को 22 फीसदी तक घटाया जा सकता है।
फेफड़े : फाइबर से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा एवं फेफड़े संबंधी कई रोगों का खतरा कम होता है।
प्रमुख स्रोत : बादाम, टमाटर, ब्रोकली, पालक, दाल