किसी à¤à¥€ शà¥à¤ कारà¥à¤¯ में पान खाना और पूजा में पान का उपयोग करना व à¤à¤—वान को अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° में पान के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को बेहद पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ माना जाता है। माना जाता है कि बà¥à¤§ गà¥à¤°à¤¹ का पान से बहà¥à¤¤ गहरा नाता है। पान का हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ है। किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯ के लिठपान à¤à¤• अहम सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखता है। पूजा में पान का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² देवता को सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कराने के लिठकिया जाता है और पान से उनके ऊपर जल अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया जाता है। किसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के शà¥à¤§à¥à¤¦à¤¿à¤•à¤°à¤£ के लिठà¤à¥€ पान के पतà¥à¤¤à¥‡ का ही इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जाता है। इसके अलावा तंतà¥à¤° साधना में à¤à¥€ पान का अहम सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। इससे आपकी मनोकामना à¤à¥€ सिधà¥à¤¦ होती है। आइठजानते हैं पान के à¤à¤¸à¥‡ ही कà¥à¤› उपायों के बारे में
शà¥à¤ कारà¥à¤¯ पर जानें से पहले करें ये उपाय
पान के पतà¥à¤¤à¥‡ से लाठपाने के लिठआपको अपनी जेब में पान का पतà¥à¤¤à¤¾, खीरा या फिर धनिया रख सकते हैं। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी जेब में रखने के बाद घर से निकलें। माना जाता है कि जिस à¤à¥€ कारà¥à¤¯ के लिठआप जा रहे हैं वह शà¥à¤ होता है।
जीवन के सà¤à¥€ संकटों से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिà¤
गणेश जी को पान पर कंसार कोरे रखकर चढ़ाना चाहिà¤à¥¤ इससे जीवन में सà¤à¥€ संकटों से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिलती है। यदि आप पान का सेवन करना चाहते हैं तो इसके लिठबà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° की बेहद शà¥à¤ है। इस दिन पान का सेवन करने से आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ बढ़ता है।
मनोकामनाओं की पूरà¥à¤¤à¤¿ के लिà¤
à¤à¤—वान शिव को पान अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करने से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की मनोकामना पूरà¥à¤£ होती है। शिव जी को पान अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते यह धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें कि पूजा में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² होने वाला पान का पतà¥à¤¤à¤¾ कटा, फटा या सूखा नहीं होना चाहिà¤à¥¤ यह ताजा और चमकदार होना चाहिà¤à¥¤ नहीं तो पूजा साकार नहीं मानी जाती है।
बà¥à¤°à¥€ नजर से बचने के लिà¤
पान से बà¥à¤°à¥€ नजर का à¤à¥€ उपाय किया जाता है। अगर किसी को बà¥à¤°à¥€ नजर लगी हो तो, उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पान में गà¥à¤²à¤¾à¤¬ की सात पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ रखकर खिलाने से बà¥à¤°à¥€ नजर का असर खतà¥à¤® हो जाता है। इस पान में केवल गà¥à¤²à¤•à¤‚द, खोपरे का बà¥à¤°à¤¾, कतà¥à¤¥à¤¾, सौंफ और सà¥à¤®à¤¨ कतरी डली हà¥à¤ˆ होती है।
वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° में लाठके लिà¤
वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° में लाठके लिठशनिवार पà¥à¤°à¤¾à¤¤: पांच पीपल के पतà¥à¤¤à¥‡ और 8 पान के साबà¥à¤¤ डंडीदार पतà¥à¤¤à¥‡ लेकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ धागे में पिरोकर दà¥à¤•à¤¾à¤¨ में पूरà¥à¤µ दिशा में बांध दें। यह उपाय कम से कम पांच शनिवार करना चाहिà¤à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को किसी नदी में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करे दें।
कारà¥à¤¯ में रà¥à¤•à¤¾à¤µà¤Ÿ के लिà¤
यदि बनते काम में रूकावट आती है, तो रविवार को à¤à¤• पान का पतà¥à¤¤à¤¾ घर से बाहर निकलते समय लेकर निकलें, तो आपके रूके हà¥à¤ काम संपनà¥à¤¨ होना शà¥à¤°à¥‚ हो जाà¤à¤‚गे और घर में बरकत बनी रहेगी।