पॉलीसिसà¥à¤Ÿà¤¿à¤• ओवरी सिंडà¥à¤°à¥‹à¤® (पीसीओà¤à¤¸) वाली महिलाओं से पैदा होने वाले बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में ऑटिजà¥à¤® होने की अधिक संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ हो सकती है। à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से यह जानकारी सामने आई है। अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हर पांच में से à¤à¤• महिला पीसीओà¤à¤¸ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होती है। लड़कियों और महिलाओं के बीच पॉलीसिसà¥à¤Ÿà¤¿à¤• ओवरी सिंडà¥à¤°à¥‹à¤® (पीसीओà¤à¤¸) à¤à¤• सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾ है, जिसके लिठसावधानीपूरà¥à¤µà¤• मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन, समय पर हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª और उचित उपचार की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है।
सही समय पर निदान न होने पर पीसीओà¤à¤¸ महिलाओं को अनà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ जटिलताओं जैसे उचà¥à¤š रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª, उचà¥à¤š कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤², चिंता और अवसाद, सà¥à¤²à¥€à¤ª à¤à¤ªà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾, दिल का दौरा, मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ और à¤à¤‚डोमेटà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤², डिमà¥à¤¬à¤—à¥à¤°à¤‚थि व सà¥à¤¤à¤¨ कैंसर के लिठकमजोर बना सकता है।
आजकल, इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के लिठà¤à¤• असà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤•à¤° आहार पैटरà¥à¤¨ और बैठे रहने वाला जीवन पà¥à¤°à¤®à¥à¤– जोखिम कारक बन गठहैं। पीसीओà¤à¤¸ में इंसà¥à¤²à¤¿à¤¨ का सà¥à¤¤à¤° à¤à¥€ सामानà¥à¤¯ से अधिक सà¥à¤¤à¤° तक बढ़ता है, जो वजन बढऩे और अनà¥à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ का कारण बन सकता है। विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, पीसीओà¤à¤¸ के विशिषà¥à¤Ÿ लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में वजन बढऩा, थकान, अवांछित बाल उगना, बाल पतले होना, बांà¤à¤ªà¤¨, मà¥à¤‚हासे, पैलà¥à¤µà¤¿à¤• पेन, सिर दरà¥à¤¦, नींद की समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ और मूड सà¥à¤µà¤¿à¤‚ग आदि शामिल हैं। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लकà¥à¤·à¤£ यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के तà¥à¤°à¤‚त बाद शà¥à¤°à¥‚ होते हैं और वे देर से किशोरों और पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• वयसà¥à¤•à¤¤à¤¾ में à¤à¥€ विकसित हो सकते हैं।
पीसीओà¤à¤¸ ठीक नहीं हो सकता, लेकिन इसे शरीर का वजन पांच से 10 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ तक कम कर और जीवनशैली में बदलाव लाकर पà¥à¤°à¤¬à¤‚धित किया जा सकता है। साथ ही सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ दिनचरà¥à¤¯à¤¾ बनाठरखना और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना à¤à¥€ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। बदले में यह मासिक धरà¥à¤® चकà¥à¤° को नियमित करने और रकà¥à¤¤ शरà¥à¤•à¤°à¤¾ के सà¥à¤¤à¤° को कम करने में मदद करेगा।
बà¥à¤°à¥‹à¤•à¥‹à¤²à¥€, फूलगोà¤à¥€ और पालक जैसे उचà¥à¤š फाइबर वाले खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का उपà¤à¥‹à¤— करें। बादाम, अखरोट, ओमेगा और फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ में समृदà¥à¤§ खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥ खाà¤à¤‚। तीन बार अधिक à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने के बजाय पांच बार कम मातà¥à¤°à¤¾ में à¤à¥‹à¤œà¤¨ करें, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह मैटाबोलिजà¥à¤® को ठीक रखेगा। वजन का सही सà¥à¤¤à¤° बनाठरखें। सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में पांच दिन हर रोज लगà¤à¤— 30 मिनट के लिठशारीरिक वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करें। योग और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ जैसी तकनीकों के माधà¥à¤¯à¤® से तनाव से बचें। धूमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¨ और शराब छोड़ें, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह पीसीओà¤à¤¸ वाले लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में वृदà¥à¤§à¤¿ कर सकते हैं।