डबल चिन यानी ठोड़ी के नीचे अतिरिकà¥à¤¤ चरà¥à¤¬à¥€ का बढऩा। इस वजह से चेहरे के आसपास का हिसà¥à¤¸à¤¾ कमजोर होने लगता है जिसका पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारण मोटापा है।
डबल चिन यानी ठोड़ी के नीचे अतिरिकà¥à¤¤ चरà¥à¤¬à¥€ का बढऩा। इस वजह से चेहरे के आसपास का हिसà¥à¤¸à¤¾ कमजोर होने लगता है जिसका पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारण मोटापा है। पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के अलावा महिलाओं में à¤à¥€ यह दिकà¥à¤•à¤¤ होती है जो न केवल ठोड़ी के नीचे बलà¥à¤•à¤¿ गाल के आसपास à¤à¥€ बढऩे लगती है। सामानà¥à¤¯ लोगों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में जिनका वजन अधिक होता है उनमें इसके होने की आशंका दोगà¥à¤¨à¥€ हाती है। जानते हैं इसके बारे में-
कारण : - à¤à¤• जगह लंबे समय तक निषà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯ होकर बैठे रहना या ठोड़ी के नीचे वसा की परत जमने से इस हिसà¥à¤¸à¥‡ का आकार बदलने लगता है। मोटापे के अलावा ४५ साल से ऊपर यानी उमà¥à¤°à¤¦à¤°à¤¾à¤œ लोगों में इस हिसà¥à¤¸à¥‡ की तà¥à¤µà¤šà¤¾ का ढीला होना à¤à¥€ वजह है। कà¥à¤› मामलों में आनà¥à¤µà¤¾à¤‚शिकता à¤à¥€ डबल चिन की समसà¥à¤¯à¤¾ को जनà¥à¤® देती है।
डाइट :- हाई पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨, लो-कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ, विटामिन-ई और फाइबर से à¤à¤°à¤ªà¥‚र चीजों को डाइट में शामिल करने के लिठकहते हैं। जैसे दूध या दूध से बने पà¥à¤°à¥‹à¤¡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤¸, पालक, बà¥à¤°à¥‹à¤•à¤²à¥€, गाजर, सेब, संतरा, नाशपाती, बादाम, अखरोट, ओटà¥à¤¸, किनà¥à¤†, सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤Ÿà¥à¤¸, दालें, मूंगफली और फली आदि।
à¤à¤¸à¥‡ कम करें अतिरिकà¥à¤¤ चरà¥à¤¬à¥€
जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मामलों में इसका इलाज को दो तरह से यानी सरà¥à¤œà¤¿à¤•à¤² और नॉन सरà¥à¤œà¤¿à¤•à¤² तरीकों को अपनाकर किया जाता है।
सरà¥à¤œà¤¿à¤•à¤² : जब डबल चिन बहà¥à¤¤ अधिक बढ़ जाती है और डाइट व à¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ से इसका समाधान नहीं हो पाता à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में लेपà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¤¿à¤• सरà¥à¤œà¤°à¥€ की जाती है। इसकी मदद से शरीर की चरà¥à¤¬à¥€ को घटाया जाता है। यह पूरी पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ १५ से २० मिनट की होती है। कà¥à¤› लोग इसे घटाने के लिठकॉसà¥à¤®à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤• सरà¥à¤œà¤°à¥€ का à¤à¥€ सहारा लेते हैं। विशेषजà¥à¤ž का मानना है कि इसे नेचà¥à¤°à¤² तरीके से घटाना ही जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बेहतर है।
नॉन सरà¥à¤œà¤¿à¤•à¤² : इसके तहत मरीज को डाइट में सà¥à¤§à¤¾à¤° करने के अलावा दिनचरà¥à¤¯à¤¾ में पà¥à¤°à¤®à¥à¤– वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤®à¥‹à¤‚ को जोडऩे और चरà¥à¤¬à¥€ को घटाने के लिठदवाà¤à¤‚ लेने की सलाह दी जाती है।
à¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ :
इस हिसà¥à¤¸à¥‡ से फैट हटाने के लिठगरà¥à¤¦à¤¨ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® किठजा सकते हैं। जैसे गरà¥à¤¦à¤¨ को गोल, दाà¤à¤‚-बाà¤à¤‚ या आगे-पीछे घà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾à¥¤ इसके अलावा सांस संबंधी वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® à¤à¥€ कर सकते हैं। जैसे लंबी सांस लेना, जलà¥à¤¦à¥€-जलà¥à¤¦à¥€ सांस लेना व छोडऩा आदि। कà¥à¤› मामलों में मालिश à¤à¥€ लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• होती है। जिसमें किसी à¤à¥€ तेल से ठोड़ी के नीचे १०-१५ मिनट के लिठमसाज करें। इसमें हाथों को पहले गले से ठोड़ी की ओर फिर दाईं व बाईं ओर लाà¤à¤‚।
दवाà¤à¤‚ :
मरीज को कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ दवा देते हैं जो शरीर का मेटाबॉलिजà¥à¤® बढ़ाकर à¤à¥‚ख को घटाती है। इनसे धीरे-धीरे चरà¥à¤¬à¥€ में कमी आती है।
इनसे परहेज :
à¤à¤¸à¥€ चीजें जिनमें फैट, कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² की अधिकता हो उनसे परहेज करने के लिठकहते हैं। ये ततà¥à¤¤à¥à¤µ रकà¥à¤¤ नलिकाओं के अलावा कोशिकाओं में जमने लगते हैं। या फिर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खाने के साथ नियमित शारीरिक गतिविधियां करवाते हैं ताकि कैलोरी बरà¥à¤¨ हो सके।