तीन हफà¥à¤¤à¥‡ या इससे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ चलने वाली खांसी टीबी का संकेत हो सकती है, बिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¥€ लापरवाही ना बरतें और तà¥à¤°à¤‚त डॉकà¥à¤Ÿà¤° से संपरà¥à¤• करें।
आमतौर पर लोग खांसी को हलà¥à¤•à¥‡ में लेते हैं। जबकि जानकार बताते हैं कि लगातार तीन हफà¥à¤¤à¥‡ या इससे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ चलने वाली खांसी टीबी का संकेत हो सकती है। इसके अलावा दमा या सà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤¨ फà¥à¤²à¥‚ के कारण à¤à¥€ खांसी हो सकती है। à¤à¤¸à¥‡ में बिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¥€ लापरवाही ना बरतें और तà¥à¤°à¤‚त डॉकà¥à¤Ÿà¤° से संपरà¥à¤• करें।
चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ का मानना है कि खांसी अपने आप में कोई रोग नहीं होता, बलà¥à¤•à¤¿ यह शरीर की सामानà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ अथवा किसी बीमारी का संकेत होती है। लेकिन à¤à¤¸à¤¾ समà¤à¤•à¤° खांसी को मामूली रोग नहीं समà¤à¤¨à¤¾ चाहिà¤à¥¤ आमतौर पर खांसी का कारण इंसान के फेफड़ों, सांस नली या गले में इंफेकà¥à¤¶à¤¨ होता है। दरअसल, यह à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ मैकेनिजà¥à¤® है, जो शरीर में होने वाली किसी खराबी के बारे में इशारा करता है और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯-रकà¥à¤·à¤¾ के लिठपहले से ही संकेत दे देता है। कà¥à¤› विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ का यह à¤à¥€ मानना है कि खांसी आने का मतलब है कि हमारा शरीर बीमारियों के बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से लड़ रहा है।
खांसी की वजह कई -
डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• फेफड़ों की नसों पर अधिक दबाव होने या दिल का à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ बड़ा हो जाने पर à¤à¥€ खांसी हो जाती है। डॉकà¥à¤Ÿà¤° इसे दिल का असà¥à¤¥à¤®à¤¾ कहते हैं। लगातार और लमà¥à¤¬à¥‡ समय तक चलने वाली खांसी किसी बड़ी बीमारी का कारण या संकेत हो सकती है। आम तौर पर दमा, गले में इंफेकà¥à¤¶à¤¨, टॉनà¥à¤¸à¤¿à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤¸, फेरनजाइटिस, बà¥à¤°à¥‹à¤‚काइटिस, फेफड़ों के इंफेकà¥à¤¶à¤¨, निमोनिया या हृदयरोग आदि की वजह से खांसी हो सकती है। लिहाजा खांसी को लेकर सतरà¥à¤• रहना जरूरी है। जानकार बताते हैं कि लगातार तीन हफà¥à¤¤à¥‡ या इससे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ चलने वाली खांसी टीबी का संकेत हो सकती है। इसके अलावा दमा या सà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤¨ फà¥à¤²à¥‚ के कारण à¤à¥€ खांसी हो सकती है। खांसी अगर लगातार जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दिनों तक हो तो तà¥à¤°à¤‚त डॉकà¥à¤Ÿà¤° से संपरà¥à¤• करें।
आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ और खांसी -
आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ में खांसी के उपचार के लिठसितोपलादि चूरà¥à¤£ खास है। इसके अलावा अगà¥à¤¨à¤¿à¤°à¤¸ चूरà¥à¤£ की à¤à¤•-à¤à¤• गोली दिन में दो बार पानी से लेने या जà¥à¤µà¤° à¤à¥ˆà¤°à¤µ चूरà¥à¤£ आधा छोटा चमà¥à¤®à¤š दिन में दो बार पानी से लेने पर à¤à¥€ खांसी से राहत मिलेगी। बलगम वाली खांसी में महालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤µà¤¿à¤²à¤¾à¤¸ रस की à¤à¤•-à¤à¤• गोली, कठफलादि चूरà¥à¤£ या तालीसादि चूरà¥à¤£ आधा-आधा चमà¥à¤®à¤š पानी से दो बार लेने, तà¥à¤²à¤¸à¥€, लौंग, अदरक, गिलोय व काली मिरà¥à¤š को पानी में उबालकर इसमें शहद मिलाकर पीने से à¤à¥€ फायदा होता है।
होमà¥à¤¯à¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¥€ में à¤à¥€ है इलाज -
सूखी खांसी हो तो बà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ अलबम-30, सà¥à¤ªà¥‰à¤¨à¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾-30, à¤à¤•à¥‹à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ-30, बैलाडोना-30 जैसी दवाइयां कारगर हैं। बलगम वाली खांसी में हीपरसेलà¥à¤« -30, à¤à¤‚टिमटारà¥à¤Ÿ-30, आईपीकॉक-30 व फॉसà¥à¤«à¥‹à¤°à¤¸-30 के सेवन से आराम मिलता है। जà¥à¤•à¤¾à¤® व बà¥à¤–ार के साथ होने वाली खांसी के लिठà¤à¤²à¤¿à¤¯à¤® सीपा-30, फेरमफॉस-30, काली मà¥à¤¯à¥‚र-30 तथा बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों में होने वाली काली खांसी के लिठडà¥à¤°à¥‰à¤¸à¥‡à¤°à¤¾-30, टà¥à¤¯à¥‚बर कोलाइनम-30, नकà¥à¤¸ वोमिका-30 व सà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥à¤Ÿà¤¾-30 की सलाह दी जाती है।
घरेलू उपचार -
जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खांसी होने पर सेंधा नमक की छोटी-सी डली को आग पर रखकर गरà¥à¤® कर लें और à¤à¤• कटोरी पानी में ततà¥à¤•à¤¾à¤² डाल दें। à¤à¤¸à¤¾ पांच बार करके यह पानी पी लें, खांसी में आराम मिलेगा। इसके अलावा तà¥à¤²à¤¸à¥€, काली मिरà¥à¤š व अदरक की चाय, आधा चमà¥à¤®à¤š अदरक के रस शहद में मिलाकर लेने, मà¥à¤²à¥ˆà¤ ी की छोटी सी डंडी चूसने, गरà¥à¤® पानी के गरारे करने या गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¥‡ दूध से गरारे करने पर à¤à¥€ खांसी ठीक होती है। रात को गरà¥à¤® चाय या दूध के साथ आधा चमà¥à¤®à¤š हलà¥à¤¦à¥€ à¤à¥€ गà¥à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ है।
परहेज à¤à¥€ है जरूरी -
खांसी में उपचार के साथ परहेज à¤à¥€ जरूरी है। तली-à¤à¥à¤¨à¥€ व खटà¥à¤Ÿà¥€ चीजें, सॉस, सिरका, अचार, अरबी, à¤à¤¿à¤‚डी, राजमा, उड़द की दाल, खटà¥à¤Ÿà¥‡ फल और केला न लें। कोलà¥à¤¡ डà¥à¤°à¤¿à¤‚क, दही या फà¥à¤°à¤¿à¤œ में रखी कोई à¤à¥€ चीज ना खाà¤à¤‚। गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¤¾ पानी पीà¤à¤‚।
à¤à¤²à¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¤¿à¤• दवाइयां -
कफ और कोलà¥à¤¡ से राहत के लिठà¤à¤²à¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¥€ में कà¥à¤²à¥‹à¤°à¤«à¥‡à¤¨à¤¿à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤‡à¤¨, अमोनियम कà¥à¤²à¥‹à¤²à¤¾à¤‡à¤¡ और सोडियम साइटà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ या डाइफेनहाइडà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤‡à¤¨ हाइडà¥à¤°à¥‹à¤•à¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤¡ जैसी दवाइयां ठीक मानी जाती हैं। सूखी खांसी के लिठगà¥à¤†à¤‡à¤«à¥‡à¤¨à¥‡à¤¸à¤¿à¤¨ और सलà¥à¤¬à¥à¤Ÿà¥‡à¤®à¥‹à¤² सलà¥à¤«à¥‡à¤Ÿ को उपयà¥à¤•à¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ जाता है। इन दवाइयों से निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ होने वाली कफ सिरप à¤à¥€ लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ होती हैं। टेबà¥à¤Ÿà¤²à¤¾à¤‡à¤¨ सलà¥à¤«à¥‡à¤Ÿ और बà¥à¤°à¥‹à¤®à¥‡à¤¹à¤•à¥à¤œà¤¾à¤‡à¤¨ हाइडà¥à¤°à¥‹à¤•à¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤¡ की सलाह à¤à¥€ चिकितà¥à¤¸à¤• देते हैं।
नोट: किसी à¤à¥€ दवाई का सेवन डॉकà¥à¤Ÿà¤° की देखरेख और परामरà¥à¤¶ के बाद ही करें।