-डाकà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¸ का है मानना
नई दिलà¥à¤²à¥€à¥¤ अगर आप सिरदरà¥à¤¦, पेटदरà¥à¤¦ या बà¥à¤–ार होने पर बिना डॉकà¥à¤Ÿà¤° की सलाह लिठकोई à¤à¥€ à¤à¤‚टीबायॉटिक दवा ले लेते हैं और तबीयत ठीक होने पर अकà¥à¤¸à¤° à¤à¤¸à¤¾ करते रहते है तो यह आपके लिठनà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¤¦à¥‡à¤¹ हो सकता है। डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¸ का कहना है कि जरूरत से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤‚टीबायॉटिक दवाà¤à¤‚ खाने पर डायरिया जैसी पेट की गंà¤à¥€à¤° बीमारियां हो सकती हैं। à¤à¤• निजी असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² के इंटरनल मेडीसिन सीनियर कंसलà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ट ने बताया, ‘‘जरूरत से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤‚टीबायॉटिक का सेवन आपके लिठनà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤¯à¤• साबित हो सकता है। इससे आपको डायरिया जैसी पेट की बीमारियां हो सकती हैं। गलत à¤à¤‚टीबायॉटिक लेना à¤à¥€ à¤à¤• समसà¥à¤¯à¤¾ बन सकता है खास तौर पर अगर आपको उस दवा से à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ है तो।’’ डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने कहा, ‘‘किसी à¤à¥€ à¤à¤‚टीबायॉटिक का गलत या जरूरत से अधिक इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कई परेशानियां खड़ी कर सकता है जैसे कि इंफेकà¥à¤¶à¤¨ जलà¥à¤¦à¥€ ठीक न हो पाना आदि। इससे à¤à¤‚टीबायॉटिक रेजिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ट ऑरà¥à¤—ेजà¥à¤®à¥à¤¸ à¤à¥€ विकसित हो सकते हैं। अगर आप बिना डॉकà¥à¤Ÿà¤° की सलाह के कोई à¤à¤‚टीबायॉटिक लगातार लेते रहेंगे तो यह खतरा बहà¥à¤¤ बढ़ सकता है।’’डॉ. सतीश कौल की मानें तो, ‘‘वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में à¤à¤‚टीबायॉटिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ विशà¥à¤µ के सबसे बड़े सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं में से à¤à¤• बन गयी है। हमें अधिक से अधिक लोगों को à¤à¤‚टीबायॉटिकà¥à¤¸ के सही उपयोग और उसके फंकà¥à¤¶à¤¨ के बारे में बताना चाहिठताकि इस समसà¥à¤¯à¤¾ का निदान हो सके। हमें इस समसà¥à¤¯à¤¾ को गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से लेने की जरूरत है।’’ विशà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ संगठन (डबà¥à¤²à¥‚à¤à¤šà¤“) के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, à¤à¤‚टीबायॉटिक दवाà¤à¤‚, वायरस संकà¥à¤°à¤®à¤£ को रोकने और इलाज के लिठउपयोग की जाने वाली दवाà¤à¤‚ हैं। à¤à¤‚टीबायॉटिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ तब होता है, जब इन दवाओं के उपयोग के जवाब में बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ अपना सà¥à¤µà¤°à¥‚प बदल लेता है। डबà¥à¤²à¥‚à¤à¤šà¤“ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, ‘‘बिना जरूरत के à¤à¤‚टीबायॉटिक दवा लेने से à¤à¤‚टीबायॉटिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ में वृदà¥à¤§à¤¿ होती है, जो कि वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठसबसे बड़े खतरों में से à¤à¤• है। à¤à¤‚टीबायॉटिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ संकà¥à¤°à¤®à¤£ से मरीज को लंबे समय तक असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ रहने, इलाज के लिठअधिक राशि और बीमारी गंà¤à¥€à¤° होने पर मरीज की मौत à¤à¥€ हो सकती है।’’