सोमनाथ मंदिर से करीब 5 किलोमीटर दूर वेरावल में à¤à¤¾à¤²à¤•à¤¾ तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤² है। इस तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤² का हिंदू धरà¥à¤® में बहà¥à¤¤ अधिक महतà¥à¤µ है। लोक कथाओं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कहा जाता है की इस मंदिर में शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ नें अपना देह तà¥à¤¯à¤¾à¤—ा था। à¤à¤¾à¤²à¤•à¤¾ तीरà¥à¤¥ à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ के अंतिम सांस का साकà¥à¤·à¥€ माना जाता है, लेकिन à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का मानना है की इस पवितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की सà¤à¥€ मनोकामनाà¤à¤‚ पूरी होती है। इस पà¥à¤°à¤®à¥à¤– धारà¥à¤®à¤¿à¤• केंदà¥à¤° के बारे में यहां हर रोज़ आने वाले शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ बताते हैं की सचà¥à¤šà¥‡ मन से यहां मांगी गई हर मà¥à¤°à¤¾à¤¦ पूरी होती है। यहां आया हà¥à¤† कोई à¤à¤•à¥à¤¤ खाली हाथ नहीं लौटता। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहां शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ के होने का अहसास हमेशा होता है, इसका साकà¥à¤·à¥€ यहां मौजूद 5 हजार साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ पीपल का पेड़ है जो कà¤à¥€ नहीं सूखता।
लोक कथाओं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°à¤®à¤¹à¤¾à¤à¤¾à¤°à¤¤ यà¥à¤¦à¥à¤§ खतà¥à¤® होने के बाद 36 साल बाद तक यादव कà¥à¤² मद में आ गà¤à¥¤ आपस में ही à¤à¤—डऩे लगे और à¤à¤• दूसरे को ही खतà¥à¤® करने लगे। इसी कलह से परेशान होकर कृषà¥à¤£ सोमनाथ मंदिर से करीब सात किलोमीटर दूर वैरावल की इस जगह पर विशà¥à¤°à¤¾à¤® करने आ गà¤à¥¤ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤®à¤—à¥à¤° मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ में लेटे हà¥à¤ थे कि वहां से करीब à¤à¤• किलोमीटर की दूरी पर मौजूद जरा नाम के à¤à¥€à¤² को कà¥à¤› चमकता हà¥à¤† नजर आया। उसे लगा कि यह किसी मृग की आंख है और बस उस ओर तीर छोड़ दिया, जो सीधे कृषà¥à¤£ के बाà¤à¤‚ पैर में जा धंसा। जब जरा करीब पहà¥à¤‚चा तो देखकर रà¥à¤¦à¤¨ करने लगा, उसके वाण से खà¥à¤¦ कृषà¥à¤£ घायल हà¥à¤ थे। जिसे उसने मृग की आंख समà¤à¤¾ था, वह कृषà¥à¤£ के बाà¤à¤‚ पैर का पदम था, जो चमक रहा था। à¤à¥€à¤² जरा को समà¤à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कृषà¥à¤£ ने कहा कि कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ ही विलाप कर रहे हो, यह नियति है।
à¤à¤¸à¥‡ कहलाया à¤à¤²à¤•à¤¾ तीरà¥à¤¥
à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने वà¥à¤¯à¤¾à¤˜ को कà¥à¤·à¤®à¤¾ कर दिया और अपनी कानà¥à¤¤à¥€ से वसà¥à¤‚धरा को वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करके निजधाम पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ कर गà¤à¥¤ यहां वà¥à¤¯à¤¾à¤§ ने à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जी को à¤à¤²à¥à¤² यानी बाण मारा था इसीलिठयह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤²à¥à¤² à¤à¤²à¤•à¤¾ तीरà¥à¤¥ कहा जाता है।
कैसे पहà¥à¤‚चे à¤à¤²à¤•à¤¾ तीरà¥à¤¥
कैसे करें पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ आप à¤à¤¾à¤²à¤•à¤¾ तीनों मारà¥à¤—ों से आसानी से पहà¥à¤‚च सकते हैं। यह तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ अचà¥à¤›à¥€ तरह रेल/ सड़क/ वायॠमारà¥à¤—ों से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤† है। यहां का नजदीकी रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ वेरावल है। हवाई मारà¥à¤— के लिठआप राजकोट /केशोद हवाई अडà¥à¤¡à¥‡ का सहारा ले सकते हैं। आप चाहें तो यहां सड़क मारà¥à¤—ों से à¤à¥€ पहà¥à¤‚च सकते हैं। à¤à¤¾à¤²à¤•à¤¾ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के बड़े शहरों से अचà¥à¤›à¥€ तरह जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤† है।
मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ के सामने बोल दें ये दो नाम, पूरी होगी हर मनोकामना
हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने जीवन में तरकà¥à¤•à¥€, समाज में मान-समà¥à¤®à¤¾à¤¨ और वरचसà¥à¤µ चाहता है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की चाहत होती है की जब à¤à¥€ वह कहीं समाज में रहे तो वह सबके आकरà¥à¤·à¤£ का केंदà¥à¤° रहे और कà¥à¤› लोगों की यह इचà¥à¤›à¤¾ पूरी à¤à¥€ होती है। लेकिन कà¥à¤› लोग इससे कोसो दूर होते हैं। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इसका सबसे बड़ा कारण कà¥à¤‚डली में सूरà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का गलत जगह होना दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के अऩà¥à¤¸à¤¾à¤° सूरà¥à¤¯ को आकरà¥à¤·à¤£, पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ, सरकारी नौकरी और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के तेज का कारक गà¥à¤°à¤¹ माना जाता है। इसी के साथ सूरà¥à¤¯ पूजा करने से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को हर जगह मान-समà¥à¤®à¤¾à¤¨, आकरà¥à¤·à¤£ और वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ बना रहता है। वैसे सूरà¥à¤¯ आराधना के लिठरविवार का दिन माना जाता है, लेकिन इसके अलावा हिंदू पंचांग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सालà¤à¤° में आने वाले पà¥à¤°à¤®à¥à¤– तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति à¤à¥€ सूरà¥à¤¯ पूजा-आराधना, उपाय के लिठसरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ दिन माना जाता है। पंडित रमाकांत मिशà¥à¤°à¤¾ के अऩà¥à¤¸à¤¾à¤° संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ होते ही सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ के सामने दो नाम बोल देने से सूरà¥à¤¯ देवता पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो जाते हैं, वहीं कà¥à¤‚डली में सूरà¥à¤¯ की अशà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को शà¥à¤à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में आ रही रà¥à¤•à¤¾à¤µà¤Ÿà¥‡à¤‚ दूर होती है। तो आइठजानते हैं मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन किन दो नामों को सूरà¥à¤¯ देव के सामने बोलना चाहिà¤...
सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ के सामने 3 बार करें इस मंतà¥à¤° का जाप
पंडित जी बताते हैं की संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ को जल चढ़ाते समय 'ओउम कà¥à¤¬à¥‡à¤° सूरà¥à¤¯ आदिवà¥à¤¯à¥‹à¤®' नाम का 3 बार जाप कर लें। इस मंतà¥à¤° का जाप करने से आपको सकारातà¥à¤®à¤• उरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगी। जो आपके कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में आ रही बाधाओं को दूर कर देगी। इसके अलावा इस मंतà¥à¤° को सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ के सामने बोलने से आपकी मनोकामनाà¤à¤‚ à¤à¥€ जलà¥à¤¦ पूरी होंगी। वहीं घर में कà¥à¤²à¥‡à¤¶ खतà¥à¤® होकर सà¥à¤–-शांति बनी रहेगी।