कारण नं 1 - कोई रोमांस नहीं
बागी सीरीज की पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ दोनों फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में जबरदसà¥à¤¤ रोमांस नजर आया था, जो यहां पूरी तरह से गायब है। à¤à¤• सीन इसमें à¤à¤¸à¤¾ नहीं है जो आपको थोड़ा à¤à¥€ रोमांटिक कर दे। जब हीरोइन होगी तो ही रोमांस आà¤à¤—ा। यहां हीरोइन और हीरो की कोई पà¥à¤°à¥‡à¤® कहानी ही नहीं है।
कारण नं 2 - खूब à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨
इतनी मार-धाड़ है कि थोड़े समय में सिर दà¥à¤–ने लगता है। जाहिर तौर पर ये à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ शà¥à¤¦à¥à¤§ रूप से लड़कों को देखने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। ये बात अलग है कि à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ सीन लड़कों को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ नहीं कर पा रहे हैं, लड़कियों को तो ये बोर ही करेंगे।
कारण नं 3 - नकली कहानी
फिलà¥à¤® की कहानी नकली है। कोई सीरिया जैसे देश में अपनी गरà¥à¤²à¤«à¥à¤°à¥‡à¤‚ड को लेकर जाता है कà¥à¤¯à¤¾! à¤à¤¸à¥€ और कई बातें हैं इस कहानी में जो आप पचा नहीं सकते। टाइगर का अपने à¤à¤¾à¤ˆ को ढूंढने सीरिया जाना और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ कपूर को साथ ले जाना, à¤à¤¸à¤¾ मजाक है जो फिलà¥à¤®à¥€ इतिहास में पहले कà¤à¥€ नहीं हà¥à¤†à¥¤
कारण नं 4 - जीरो कनेकà¥à¤Ÿ
महिलाà¤à¤‚ इस फिलà¥à¤® से कनेकà¥à¤Ÿ कर ही नहीं सकतीं। बà¥à¤°à¥‹à¤®à¤¾à¤‚स à¤à¤• वजह है ही, महिला किरदारों का नहीं होना à¤à¥€ बड़ी वजह है। कà¥à¤² दो किरदार महिलाओं ने किठहैं। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ कपूर के अलावा अंकिता लोखंडे ही यहां है, वो à¤à¥€ कà¥à¤› मिनट के लिà¤à¥¤ कहानी से जब निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• ही इन महिलाओं का संबंध नहीं जोड़ पाà¤à¤‚ तो देखने वाली लड़कियां तो इस बोठसे पूरी तरह मà¥à¤•à¥à¤¤ हैं।
कारण नं 5 - बà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग
आप यही सोच लें कि चलो अचà¥à¤›à¥€ à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग देख आते हैं तो à¤à¥€ यहां निराश होंगी। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ कपूर हों या टाइगर शà¥à¤°à¥‰à¤« ... सà¤à¥€ के हाल के à¤à¤• जैसे हैं। हर सीन में उनकी हैमिंग ही दिखेगी। नाच-गाना à¤à¥€ औसत है, सो मजा उसमें à¤à¥€ नहीं।
International Women’s Day 2020: वैसे तो Baaghi 3 किसी को पसंद नहीं आ रही है, लेकिन लड़के इसमें फिर à¤à¥€ थोड़ा खà¥à¤¶ हो लेते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि 'बà¥à¤°à¥‹à¤®à¤¾à¤‚स' à¤à¤°à¤ªà¥‚र है। रितेश देशमà¥à¤– और टाइगर शà¥à¤°à¥‰à¤« दोनों इसमें à¤à¤¾à¤ˆ है और बेइंतहा पà¥à¤¯à¤¾à¤° करते हैं। पूरी कहानी इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दोनों पर है। इस कहानी को पसंद करने वाले कम ही हैं। महिलाà¤à¤‚ इसे देखने कम आ रही हैं, सही à¤à¥€ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह फिलà¥à¤® उनके लिठहै ही नहीं। हम यहां बता रहे हैं कà¥à¤› वजहें, जो आपने इस फैसले को और पà¥à¤–à¥à¤¤à¤¾ करेंगी कि वूमनà¥à¤¸ डे की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ को यह फिलà¥à¤® कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं देखी जाना चाहिà¤....