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टाटा मुंबई मैराथन में नीमच जिले का नाम रोशन कर लौटे डॉ कुमावत

19-01-2023




समय से पहले तय की 42 किलोमीटर से अधिक की दुरी, देश- विदेश से 55000 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया था भाग

- फिजियोथेरेपिस्ट डॉ नरेंद्र कुमावत ने नीमच जिले से बने प्रतिभागी

नीमच। देश के सबसे बड़े दौड़ आयोजनों में से एक टाटा मुंबई मैराथन का सफलतापूर्वक आयोजन मुंबई के चर्च गेट स्थित खेल मैदान से किया गया, जिसमें में नीमच जिले से चन्द्रबाला एडवांस फिजिकल थेरेपी एंड हेल्थ केयर क्लिनिक के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ नरेंद्र कुमावत ने नीमच जिले से हिस्सा लिया।

इस मैराथन की जानकारी देते हुवे डॉ कुमावत ने बताया की "टाटा मुंबई मैराथन एशिया में सबसे बड़ी मैराथन होने के साथ-साथ महाद्वीप पर सबसे बड़ी सामूहिक भागीदारी वाला खेल आयोजन है। 42.197 किलोमीटर की फुल मुंबई मैराथन सुबह सवा पांच बजे शुरू हुई। इसमें फुल मैराथन, हाफ मैराथन, 10 किलोमीटर दौड़, ड्रीम रन, सीनियर सिटीजन रन और चैम्पियन विथ डिसएबिलिटी रन जैसी श्रेणियों में आयोजित की गई। फुल मैराथन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से शुरू हुई, जबकि हाफ मैराथन माहिम रेती बंदर से शुरू हुई। सभी श्रेणियों में इस वर्ष के आयोजन में 55000 से अधिक भारतीय और विदेशी नागरिकों की भागीदारी देखी गई, भोर से पहले ही मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया गया और इस कार्यक्रम में कई नए रिकॉर्ड बने।

डॉ कुमावत का कहना है कि हर सफलता के पीछे उसके लिए की गई मेहनत ही होती है, जो किसी को दिखाई नहीं देती। दुनिया सिर्फ ऊंचाई देखती है। उस ऊंचाई पर पहुंचने में जो पैरों में छाले पड़ते है वो कोई नहीं देखता। इसलिए हमें अपने प्रयासों में कभी कमी नहीं रखनी चाहिए। मैराथन कठिन थी लेकिन यह मेरी उम्मीद से बेहतर थी क्योंकि मैंने जो लक्ष्य तय किया था उससे पहले ही मैं मैराथन को पूरा कर सका। मैदानी इलाकों में अन्य मैराथन की तुलना में मार्ग कठिन था क्योंकि इसमें कुछ उतार-चढ़ाव थे, लेकिन चूंकि पहाड़ियों में भी विभिन्न मैराथन में भाग लिया है, इस लिए यह हमारे आसान था। पर कुल मिलाकर समग्र अनुभव अद्भुत रहा है।
मुंबई में पड़ने वाली गर्मी के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए कार्यक्रम दिन के शुरुआती सुबह में शुरू किया गया था, लेकिन कई प्रतिभागियों को निर्जलीकरण और थकान से संबंधित समस्याएं थीं। प्रतिभागियों में से एक को घटना के दौरान कार्डियक अरेस्ट हुआ, जबकि तेरह अन्य को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी।
कार्यक्रम में प्रतिभागी बने नीमच जिले से चन्द्रबाला एडवांस फिजिकल थेरेपी एंड हेल्थ केयर क्लिनिक के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ नरेंद्र कुमावत ने उल्लेख किया कि प्रतिभागियों को होने वाली लगभग 55 प्रतिशत समस्याएं मांसपेशियों में खिंचाव, मांसपेशियों में दर्द या मामूली चोटों के कारण होती हैं और बहुत कम समय में सामान्य हो जाएंगी। "मरीजों में से एक को पैर में फ्रैक्चर हुआ था, एक के कंधे की हड्डी टूट गई थी, एक को गिरने के कारण चेहरे में चोट लगी थी, और एक को हाथ और चेहरे में चोट लगी थी। अन्य मामले उंगली की चोट, हाथ की चोट, पैर में छाले थे। सीने में दर्द, मांसपेशियों में चोट और हाइपोथर्मिया, शेष मामले निर्जलीकरण, चक्कर आना और गंभीर ऐंठन के थे।
मुंबई मैराथन के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने कड़ा बंदोबस्त किया था। ट्रैफिक प्लानिंग के साथ ही मुंबई पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। इसके अलावा मैराथन रूट पर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही थी।