नीमच। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आम बजट पेश किया। नीमच में बी बजट भाषण देखा गया। जिसके बाद सीए सीपीई ग्रुप अध्यक्ष भावेश सिंहल का कहना है कि बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, डायमंड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने पर बजट में फोकस किया है। मोबाइल लैंस और रेटिना पर ड्यूटी को कम किया गया है। वहीं आर्टिफिशियल डायमंड की स्वीकार्यता बहुत बढ़ गई है। इसे बढ़ावा देने के लिए आईआईटी इंदौर में लैब सेटअप करना और पांच साल तक उसे प्रमोट करते हुए शोध को बढ़ावा देने का प्रस्ताव बजट में प्रावधान है। सीए सीपीई ग्रुप अध्यक्ष भावेश सिंहल का कहना है कि बजट से सबको अपेक्षा रहती है कि मध्यमवर्ग को ज्यादा फायदा मिले। पिछले दो-तीन बजट जो हमने देखे हैं, उसमें सरकार एक स्थिरता की ओर बढ़ रही है। हमारी अपेक्षा ये थी कि जो टैक्स स्लैब है, उसे बढ़ाया जाएगा ताकि आम लोगों को राहत मिले, लेकिन जनरल स्लैब में चेंज नहीं करते हुए न्यू रिजीम पर सरकार का फोकस रहा है। जिसमें 5 लाख तक की रिबेट मिलती थी, उसे 7 लाख रुपए किया गया है। साथ ही जो अलग-अलग स्लैब में टैक्स लगता था उसे पांच स्लैब में कन्वर्ट करके न्यू रिजीम सिस्टम में कन्वर्ट किया गया है। न्यू रिजीम में पहले यदि किसी की 9 लाख रुपए की इनकम थी तो उसे 60 हजार रुपए का टैक्स देना होता था लेकिन नई रिजीम में अब 45 हजार का ही टैक्स देना होगा। इस तरह से कुल 25 प्रतिशत का टैक्स कम होगा। ऐसे व्यापारी या पेशेवर जिनका टर्नओवर कम होता है, उन्हें अनुमानित कर (प्रीजम्टिव टैक्सेशन) का लाभ दिया जाता है। ऐसे व्यापारी जिनका लेनदेन 2 करोड़ रुपए तक होता था उन्हें अनुमानित कर में छूट दी जाती थी, जिसे अब बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया है, हालांकि इसके लिए ये जरूरी है कि व्यापारी का लेनदेन 95 प्रतिशत डिजीटल ट्रांजेक्शन के जरिए होना चाहिए। ऐसे पेशेवर जिनका टर्नओवर 75 लाख रुपए तक है, उन्हें अनुमानित कर में राहत दी गई है। उन्हें बुक्स ऑफ अकाउंट नहीं रखना होगा। सरकार ने इंपोर्ट से संबंधित रिलेक्सेशन भी दिए हैं, लेकिन मैन्युफेक्चरिंग वाली फर्म को इसका लाभ मिलेगा ताकि एमएसएमई को बढ़ावा मिले। 27 प्रतिशत लोग देश में मैन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्री पर निर्भर है। सरकार ये चाहती है कि ये जो 27 प्रतिशत लोग है, ये ज्यादा कमाएं।