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दुनिया के 4 हजार लोगों के बीच इस नीमच के राहुल को मिली डॉक्टरेट की उपाधि, सामाजिक कला क्षेत्र में निभाई अहम भूमिका

10-05-2024




नीमच। आज के आधुनिक दौर में हर कोई व्यक्ति डॉक्टरेट की उपाधि पाने के लिए कड़ी मशक्कत और मेहनत करता है, जिसके बाद कहीं जाकर उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि मिलती है। कई लोगों को तो सालों मेहनत करनी पड़ती है। वहीं, अगर  नीमच जिले की बात की जाए तो, जिले के जीरन तहसील के गांव कुचड़ोद के रहने वाले राहुल कुमार लोहार ने सामाजिक सरोकार में अपनी श्रेष्ठ कला कार्य एवं रिर्काड होल्डर के चलते डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत है, जो आज रंग लाई है।
'जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया एवं लता फाउंडेशन के सयुत्त तत्वाधान में देश की विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम कान्सटीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली मे आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मणिपुर के महाराजा राज्य संभा सांसद सनाजोओबा लैशेमबा व आचार्य अनुरुद्धा चार्य महाराज रहे। इस दीक्षांत समारोह म वेबबिक यूनिवर्सिटी घाना के चांसलर डॉ. फेलिक्स ओफोसु डीजेन मुख्य अतिथि के रूप में मोजुद रहे। इस समारोह में अपने विभिन्न श्रेगो मे उल्लेखनिय कार्य करने वाले अरोग- अलग क्षेत्र की प्रतिभाओं को वेबिक यूनिवर्सिटी द्याना के चांसलर को प्रतिभाओं को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

कुचड़ोद क्षेत्र निवासी राहुल कुमार लोहार ने बताया कि देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में वेबिक यूनिवर्सिटी घाना की ओर से आयोजित दीक्षांत समारोह में देश-विदेश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के बीच उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस समारोह में पूरी दुनिया भर से लोग यहां शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। लगभग देश-विदेश के चार हजार लोगों के बीच उन्हें यह सम्मान दिया गया है। राहुल कुमार लोहार पिछले 20 साल से समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठ कला कार्य में कार्यरत है। नीमच जिले में गाँव बुचडौद निवासी राहुल कुमार कौहार को उनके श्रेष्ठ कला कार्य एवं रिकार्ड होल्डर के रूप में चांसलर डॉ. फेलिक्स ओफोसु डीजेन द्वारा ऑनोरिस कॉसा (डॉक्टरेट की मानद उपाधि) का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। राहुल समाज सेवा के साथ-साथ अनोखी चित्रकला पर उल्लेखनीय कार्य किए हैं। यह उपलब्धि इनके जीवन के 20 वर्षों के अद्भुत योगदान और मेहनत का परिणाम है।  
राहुल अन्य लोगों को यह मैसेज देना चाहते हैं कि देश का सुनहरा भविष्य आज के युवाओं में निहित है। ये अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल देश और समाज की उन्नति में खर्च करें। स्वयं को इस काबिल बनाए कि जीवन में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम रहे।
इस अवसर पर प्रशात कुमार भारद्वाज एडवोकेड हाईकोर्ट इलाहाबाद, जेसी आई के डॉ. दानिश जमाल, डॉ. पंकज वतवानी,  अनिरुध मित्तल, डॉ. डी. आर. उपाध्याय नेपाल, डॉ. ए मुर्तजा, डॉ. मीरा राजपूत आदि गणमान्य अतिथी उपस्थित रहे।

ज्ञात हो की जिले के छोटे से गांव कुचड़ोद के रहने वाले युवा चित्रकार राहुल देव लोहार को गत वर्ष भी महाराष्ट्र में कला भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पुणे में ग्लोबल स्कॉलर्स फाउंडेशन संस्था द्वारा समाज सेवा, कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा देने वालों को सम्मानित किया गया था। गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान भी राहुल द्वारा चित्रकारी के जरिये एक अनोखा मास्क बनाया गया था। जिसमें विश्व के उन 40 डॉक्टर्स के चित्र उकेरे गए थे, जो कोरोना से लोगों को बचाने के लिए चिकित्सा सेवा देते हुए कालकवलित हो गए थे। इस मास्क को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज कर राहुल को प्रशस्ति पत्र और मैडल दिया गया था। राहुल की ऐसी कई कृतियों ने कला प्रेमियों को आकर्षित किया है।