Breaking news

[email protected] | +91-9406858420

logo
header-add

यूपीएससी सिविल सर्विसेज में हो सकते हैं बदलाव

24-05-2018




आने वाले समय में यूपीएससी सिविल सर्विसेज में बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं। केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा के प्रारुप में बदलाव की योजना बना रही है। सरकार की यूपीएससी रैंक की बजाय फाउंडेशन कोर्स में नंबरों के आधार पर कैडर आवंटित किए जाने की योजना है हालांकि सरकार के इस कदम का विरोध किया जा रहा है। 
सरकार ने बनायी योजना 
अभी सभी सेवाओं के अधिकारियों के लिए फाउंडेशन कोर्स की अवधि तीन महीने है।  संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में चुने गए उम्मीदवारों को सेवा का आवंटन अभी फाउंडेशन कोर्स पूरा होने से पहले करता रह है लेकिन अब केंद्र सरकार सेवा का आंवटन कोर्स के बाद करना चाहती है। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने संबद्ध विभाग से पूरा है कि क्या 'फाउंडेशन कोर्स' पूरा होने के बाद सेवा/कैडर का आवंटन किया जा सकता है?
इसके तहत परीक्षा में सफल लोगों के लिए नौकरी और काडर चुनने में किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी देखा जाएगा। व्यावहारिक ज्ञान में मिले नंबरों से ही तय होगा कि वे किस सेवा में जाने के योग्य हैं। इस सिस्टम के लागू होने के बाद कम रैंक वाले उम्मीदवार भी आईएएस बन सकते हैं।
योजना का हो रहा विरोध 
वहीं कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि विभागों को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) जैसे अन्य केंद्रीय सेवाओं के आवंटन के प्रस्ताव पर भी अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा गया है।सरकार की योजना की आलोचना करते हुए विपक्ष का कहना है कि यह गलत कदम है और मैरिट को पीछे करने जैसा है। 
सिविल सेवा परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) सहित अन्य सेवाओं के लिए चयन किया जाता है।