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यूपीएससी में अब केवल अंक ही नहीं होंगे अहम

31-05-2018





अब संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में आये अंक ही सबकुछ नहीं रहेंगे। अबकेंद्र सरकार एक नयी सर्विस/कैडर एलोकेशन प्रणाली लाने का प्रयास कर रही है। इसके तहत यूपीएससी में हासिल अंकों की जगह एलबीएसएनएए के फाउंडेशन कोर्स के अंकों को सिविल सेवा परीक्षा में हासिलअंकों के साथ मिलकर ही अंतिम मेरिट लिस्ट बनेगी जिसके आधार पर ही सर्विस तथा कैडर आवंटित किये जाएंगे।
इस नयी प्रणाली को अमली जामा पहनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक पत्र जारी किया था जिसमे इस नयी प्रस्तावित प्रणाली पर सभी कैडर नियंत्रक मंत्रालयों से इस नयी प्रणाली पर टिप्पणी तथा सुझाव आमंत्रित किये गए हैं ।
फाउंडेशन कोर्स तय करेगा कैडर 
इस नयी प्रणाली में फाउंडेशन कोर्स का महत्व और भी बढ़ जायेगा। फाउंडेशन कोर्स में तीन महीने तक आईएएस, आईपीएस तथा कुछ केंद्रीय सेवाओं के लिए चयनित अभ्यर्थी साथ में रह कर ट्रेनिंग करते हैं तथा फिर अपने समर्पित ट्रेनिंग संस्थानों में चले जाते हैं। फाउंडेशन कोर्स में अखिल भारतीय सेवा के प्रोबेश्नर्स तीन महीने तक साथ में रहते हैं तथा अखिल भारतीय सेवा के नींव को अच्छी तरह समझते हैं। अब तक सर्विस/कैडर का आवंटन केवल सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिखित तथा साक्षात्कार के अंकों के आधार पर ही  à¤¹à¥‹à¤¤à¤¾ था।
इस पत्र ने मंत्रालयों से सिविल सेवा परीक्षा और फाउंडेशन कोर्स में उम्मीदवारों के संयुक्त स्कोर के आधार पर सेवा और कैडर आवंटित करने की व्यवहारिक्ता का अध्ययन करने का आग्रह किया है।
पत्र यह निर्धारित नहीं करता है कि फाउंडेशन कोर्स के दौरान उम्मीदवार के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए कौन से मानदंडों का पालन किया जाएगा। यह स्पष्ट नहीं करता है कि फाउंडेशन कोर्स में 'प्रदर्शन' पूरी तरह से एक लिखित परीक्षा या अकादमी के संकाय या अन्य अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन किए जाने वाले अन्य पहलुओं पर आधारित होगा।
यदि यह नए प्रस्ताव प्रभावी हो जाते है तो सरकार को प्रोबेशनरों को तीन अकादमियों में विभाजित करने का एक तरीका खोजना होगा। कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है की इससे उम्मीदवारों को ज्यादा अच्छी तरीके से परखा जा सकता है। "आज योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों को उनकी रैंक के आधार पर कैडर और सेवाएं सौंपी जाती हैं। फाउंडेशन कोर्स एक प्रमुख सेवा सौंपने से पहले उनके आचरण, व्यवहार और ऐसे अन्य कारकों का आकलन करने में मदद कर सकता है हालांकि व्यावारिक समयाओं को देखते हुए ये कहना मुश्किल है और अगर ये आंकलन इतनी ही जरूरी है तो यूपीएससी की चयन प्रक्रिया में भी बदलाव करके इसे सम्मिलित किया जा सकता है।
कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि आम तौर पर आईएएस सभी उम्मीदवारों की पहली पसंद है और यदि उन्हें यह नहीं मिलता है, तो वे सिविल सेवा परीक्षा दोबारा देते हैं। इसलिए वे फाउंडेशन कोर्स को गंभीरता से नहीं लेते हैं, इसलिए ऐसा लगता है कि सरकार यह तय करना चाहती है कि फाउंडेशन कोर्स को गंभीरता से लिया जाए।"