अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की इबादत का पाक माह रमजान अनेक नियामतें लेकर आता है। खà¥à¤¦à¤¾ को राजी करने वाले इसका इंतजार बेसबà¥à¤°à¥€ से करते हैं। à¤à¤¸à¥‡ में कà¥à¤¯à¤¾ सरà¥à¤¦à¥€, कà¥à¤¯à¤¾ बारिश और कà¥à¤¯à¤¾ गरà¥à¤®à¥€ कोई à¤à¥€ मौसम इबादतगार के रासà¥à¤¤à¥‡ पर बाधा नहीं बनती। इसलिठइस साल जिसà¥à¤® को जला देने वाली मई की गरà¥à¤®à¥€ में शà¥à¤°à¥ होने वाले रमजान इबादतगारों के लिठकड़ी परीकà¥à¤·à¤¾ के समान हैं। इबादत करने वालों की खासियत ही यही होती है कि विपरीत परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ खà¥à¤¦à¤¾ को राजी करने की ताकत वो रखते हैं। वैसे तो खà¥à¤¦à¤¾ की इबादत किसी à¤à¥€ समय की जा सकती है। इसके लिठकिसी विशेष दिन की जरà¥à¤°à¤¤ नहीं होती, लेकिन जहां तक रमजान की बात है तो यह पूरा माह ही इसà¥à¤²à¤¾à¤® के मानने वालों के लिठखास है। इसी माह में खà¥à¤¦à¤¾ ने अपने बंदे को जिंदगी जीने के लिठसही रासà¥à¤¤à¤¾ दिखाने का काम किया और पवितà¥à¤° कà¥à¤°à¤¾à¤¨ उतारने जैसा महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ किया। इसी के साथ रमजान उस संदेश का नाम है जिसमें जिंदगी को खà¥à¤¦à¤¾ की नेमत कहा जाता है। उस खà¥à¤¦à¤¾ की नेमत जिसे इंसान रोजी-रोटी के चकà¥à¤•à¤° में à¤à¥à¤²à¤¾ देता है। à¤à¤¸à¥‡ बंदों को रमजान संदेश देता है कि अब इबादत के लिठसमय निकाल ले ताकि खà¥à¤¦à¤¾ का रहम-ओ-करम तà¥à¤ पर à¤à¥€ बना रहे और तेरी दà¥à¤†à¤“ं से राजी हो खà¥à¤¦à¤¾ इस संसार पर à¤à¥€ अपनी रहमत की बारिश करे। इसके साथ ही जब आखिर समय तà¥à¤à¥‡ खà¥à¤¦à¤¾ के फरिशà¥à¤¤à¥‡ लेने आà¤à¤‚ तो तू किसी नवजात की तरह साफ-पाक उसके बà¥à¤²à¤¾à¤µà¥‡ पर जा सके। खà¥à¤¦à¤¾ के करीब ले जाने का रासà¥à¤¤à¤¾ दिखाता रमजान हर à¤à¤• मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के लिठखास हो जाता है। यही वह माह है जबकि खà¥à¤¦à¤¾ à¤à¥€ बंदों की परीकà¥à¤·à¤¾ लेता है। जो उसकी कसौटी पर खरा उतरता है उसे ही खà¥à¤¦à¤¾ की ढेरों नेमतें नसीब होती हैं। इसलिठइस गरà¥à¤®à¥€ में आठइस रमजान माह का विशेष महतà¥à¤µ हो गया है। खà¥à¤¦à¤¾ को राजी करने की खातिर नेक बनें और नियमित रूप से नमाज़ पढें, रोजा रखें और अपने आस-पास गरीब, बेसहारा, मजलूमों और बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों की मदद करें, ताकि आपसे खà¥à¤¦à¤¾ राजी हो और आप पर नेमतों की बरसात अता करे। जहां तक रमजान के रोजे का सवाल है तो यह कठिन तप है, जिसमें रोजदार सà¥à¤¬à¤¹ सूरज निकलने के पहले से लेकर सूरज ढलने तक खाना-पानी पूरी तरह बंद कर देता है। इस दौरान उसे पानी की à¤à¤• बूंद à¤à¥€ लेना वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ होती है। पूरे माह इस कड़े इमà¥à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¨ से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ के बाद ईद का तौहफा उसे मिलता है, जिसे पाकर वह खासा खà¥à¤¶ होता है और खà¥à¤¦à¤¾ को शà¥à¤•à¥à¤° अदा करते हà¥à¤ अपनी इबादत से खà¥à¤¦à¤¾ को राजी करने की दà¥à¤† करता है।