धन और संपतà¥à¤¤à¤¿ की अधिषà¥à¤ ातà¥à¤°à¥€ देवी हैं -माठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¥¤ माना जाता है समà¥à¤¦à¥à¤° से इनका जनà¥à¤® हà¥à¤† था, और इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शà¥à¤°à¥€ विषà¥à¤£à¥ से विवाह किया था। इनकी पूजा से धन की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है साथ ही वैà¤à¤µ à¤à¥€ मिलता है। अगर लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ रà¥à¤·à¥à¤Ÿ हो जाà¤à¤ तो घोर दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾ का सामना करना पड़ता है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· में शà¥à¤•à¥à¤° गà¥à¤°à¤¹ से इनका समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ जोड़ा जाता है।
माठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की पूजा से किन किन फलों की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है?
इनकी पूजा से केवल धन ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ नाम यश à¤à¥€ मिलता है
इनकी उपासना से दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ जीवन à¤à¥€ बेहतर होता है।
कितनी à¤à¥€ धन की समसà¥à¤¯à¤¾ हो अगर विधिवत लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी की पूजा की जाय तो धन मिलता ही है
माठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की पूजा के नियम और सावधानियां कà¥à¤¯à¤¾ हैं?
माठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की पूजा शà¥à¤µà¥‡à¤¤ या गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤° पहन कर करनी चाहिà¤à¥¤
इनकी पूजा का उतà¥à¤¤à¤® समय होता है - गोधूली वेला या मधà¥à¤¯ रातà¥à¤°à¤¿à¥¤
माठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ के उस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पूजा करनी चाहिठजिसमे वह गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ कमल के पà¥à¤·à¥à¤ª पर बैठी हों साथ ही उनके हाथों से धन बरस रहा हो।
माठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ को गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ पà¥à¤·à¥à¤ª विशेषकर कमल चढ़ाना सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® होगा।
माठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ के मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का जाप सà¥à¤«à¤Ÿà¤¿à¤• की माला से करने पर वह तà¥à¤°à¤‚त पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ होता है।
माठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की कृपा पाने के (धन पाने के) विशेष पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—
वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ में लाठपाने के लिठकà¥à¤¯à¤¾ करें?
वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी , गणेश जी और विषà¥à¤£à¥ जी की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करें।
लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी के दाहिनी ओर विषà¥à¤£à¥ जी की और बाà¤à¤ ओर गणेश जी को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करें।
नितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काम शà¥à¤°à¥‚ करने के पहले उनको à¤à¤• गà¥à¤²à¤¾à¤¬ का फूल चढाà¤à¤à¥¤
घी का दीपक और गà¥à¤²à¤¾à¤¬ की सà¥à¤—ंध वाली धूप जलाà¤à¤à¥¤
नौकरी में धन पाने के लिठकà¥à¤¯à¤¾ करें?
पूजा के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर कमल के फूल पर बैठी हà¥à¤ˆ लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी के चितà¥à¤° की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करें।
इस चितà¥à¤° में अगर दोनों तरफ से हाथी सूंढ़ में à¤à¤°à¤•à¤° जल गिरा रहे हों तो और à¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤® होगा।
इस चितà¥à¤° के सामने सायंकाल घी का दीपक जलाà¤à¤ , और माठको इतà¥à¤° अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करें।
रोज शाम पूजा की समापà¥à¤¤à¤¿ के बाद तीन बार शंख जरूर बजाà¤à¤à¥¤