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दुर्भाग्य के संकेत : अगर आपके साथ हो रही हैं 7 बातें तो समझ लें बुरा समय हो सकता है शुरू

11-06-2018




13 जून, बुधवार को अमावस्या तिथि है। इस तिथि पर पितर देवता के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें अनिवार्य रूप से अमावस्या पर पितरों के लिए विशेष उपाय करना चाहिए। पितृ दोष को अशुभ योग और दुर्भाग्य से संबंधित माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में ये योग होता है, वे हमेशा परेशान रहते हैं और किसी भी काम में आसानी से सफल नहीं हो पाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार दैनिक जीवन में पितृ दोष के संकेत मिलते हैं। जिनके साथ ये संकेत होते रहते हैं, उन्हें पितरों के उपाय करना चाहिए।

कुंडली में कैसे बनता है पितृ दोष

>अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में नवम भाव, दशम भाव, सूर्य, नवम भाव का स्वामी और दशम भाव का स्वामी अशुभ स्थिति में हो तो पितृ दोष बनता है।

>इस दोष की वजह से व्यक्ति को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है। किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है। जानिए पितृ दोष के संकेत, जिनसे कुंडली देखे बिना भी मालूम हो सकता है कि कुंडली में पितृ दोष है।

1.कुंडली में पितृ दोष हो तो संतान होने में समस्याएं आती हैं। कई बार तो संतान पैदा ही नहीं होती। अगर संतान हो जाए तब भी सुख नहीं मिल पाता है। संतान परेशान रहती है।

2.पितृ दोष के कारण धन की कमी रहती है। किसी न किसी रूप में पैसों का नुकसान होता रहता है।

3.जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उनकी शादी में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं।

4.घर-परिवार में अशांति रहती है। परिवार के सदस्यों में मनमुटाव बना रहता है।

5.यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक किसी मुकदमें में उलझा रहे या बिना किसी कारण उसे कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटना पड़े तो ये भी पितृ दोष के कारण हो सकता है।

6.पितृ दोष होने पर परिवार का एक न एक सदस्य निरंतर रूप से बीमार रहता है। यह बीमारी भी जल्दी ठीक नहीं होती।

7.पितृ दोष होने के कारण संतान के विवाह में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, संतान का विवाह जल्दी नहीं होता, मनचाहा जीवन साथी नहीं मिल पाता।