वैसे तो अमावसà¥à¤¯à¤¾ हर महीने आती है, लेकिन अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ 3 साल में à¤à¤• बार आती है।
इस बार 13 जून, बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ के अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ है। वैसे तो अमावसà¥à¤¯à¤¾ हर महीने आती है, लेकिन अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ 3 साल में à¤à¤• बार आती है। इसलिठइस अमावसà¥à¤¯à¤¾ का विशेष महतà¥à¤µ है। उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ के जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ पं. पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, अमावसà¥à¤¯à¤¾ तिथि पितरों की मानी गई है। इसलिठइस दिन पितरों की आतà¥à¤®à¤¾ की शांति के लिठशà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§, तरà¥à¤ªà¤£ करने का विधान है। इसलिठइस दिन कà¥à¤› खास उपाय करने से पितृ दोष में कमी आ सकती है। जानिठइस दिन कौन-से उपाय करें…
1. अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर किसी पवितà¥à¤° नदी में काले तिल डालकर तरà¥à¤ªà¤£ करें। इससे à¤à¥€ पितृगण पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होते हैं।
2. पीपल में पितरों का वास माना गया है। अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ तिथि पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाà¤à¤‚ और गाय के शà¥à¤¦à¥à¤§ घी का दीपक लगाà¤à¤‚।
3. अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर किसी बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को à¤à¥‹à¤œà¤¨ के लिठघर बà¥à¤²à¤¾à¤à¤‚ या à¤à¥‹à¤œà¤¨ सामगà¥à¤°à¥€ जिसमें आटा, फल, गà¥à¤¡à¤¼ आदि हो, दान करें।
4. अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर अपने पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें। इससे à¤à¥€ पितृ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ व तृपà¥à¤¤ हो जाते हैं।
5. इस अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर चावल के आटे से 5 पिंड बनाà¤à¤‚ व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ कर दें।
6. अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर गाय के गोबर से बने कंडे को जलाकर उस पर घी-गà¥à¤¡à¤¼ की धूप दें और पितृ देवताà¤à¥à¤¯à¥‹ अरà¥à¤ªà¤£à¤®à¤¸à¥à¤¤à¥ बोलें।
7. इस अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर कचà¥à¤šà¤¾ दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करें। ये उपाय सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ के समय करें तो अचà¥à¤›à¤¾ रहेगा।
1. अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर किसी पवितà¥à¤° नदी में काले तिल डालकर तरà¥à¤ªà¤£ करें। इससे à¤à¥€ पितृगण पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होते हैं।
2. पीपल में पितरों का वास माना गया है। अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ तिथि पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाà¤à¤‚ और गाय के शà¥à¤¦à¥à¤§ घी का दीपक लगाà¤à¤‚।
3. अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर किसी बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को à¤à¥‹à¤œà¤¨ के लिठघर बà¥à¤²à¤¾à¤à¤‚ या à¤à¥‹à¤œà¤¨ सामगà¥à¤°à¥€ जिसमें आटा, फल, गà¥à¤¡à¤¼ आदि हो, दान करें।
4. अधिक मास की अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर अपने पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें। इससे à¤à¥€ पितृ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ व तृपà¥à¤¤ हो जाते हैं।
5. इस अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर चावल के आटे से 5 पिंड बनाà¤à¤‚ व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ कर दें।
6. अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर गाय के गोबर से बने कंडे को जलाकर उस पर घी-गà¥à¤¡à¤¼ की धूप दें और पितृ देवताà¤à¥à¤¯à¥‹ अरà¥à¤ªà¤£à¤®à¤¸à¥à¤¤à¥ बोलें।
7. इस अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर कचà¥à¤šà¤¾ दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करें। ये उपाय सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ के समय करें तो अचà¥à¤›à¤¾ रहेगा।