पीलिया ,कामला या जॉनà¥à¤¡à¤¿à¤¸ रोग पानी खादà¥à¤¯ सामगà¥à¤°à¥€ के संकà¥à¤°à¤®à¤£ से होता हैं। यह रोग अधिकतर बरसात में होता हैं उसका कारण वरà¥à¤·à¤¾ के कारण पानी पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित होकर ,संकà¥à¤°à¤®à¤£ कर रोग को आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता हैं। वैसे जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ खून की कमी या à¤à¤¨à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ रोग से पीड़ित होने पॠपितà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ªà¤• दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में सेवन करता हैं तो उसका बà¥à¤¾ हà¥à¤† पितà¥à¤¤ रकà¥à¤¤ और मांस को दगà¥à¤§à¤•à¤° कामला रोग को उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करता हैं।
लकà¥à¤·à¤£ -- पीलिया के रोगी के नेतà¥à¤° हरदी के समान पीले हो जाते हैं। तà¥à¤µà¤šà¤¾ ,मà¥à¤–,नख का वरà¥à¤£ à¤à¥€ हरदी के समान पीला हो जाता हैं। मल ,मूतà¥à¤° रकà¥à¤¤à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¤¿à¤¤ पीले वरà¥à¤£ की निकलती हैं। रोगी का शारीरिक वरà¥à¤£ बरसाती मेंढक के समान पीला हो जाता हैं उसकी इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ अपने विषयों को गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने में असमरà¥à¤¥ हो जाती हैं। वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ दाह,अपचन ,शरीर में शिथिलता ,अरà¥à¤šà¤¿ से विशेष पीड़ित होता हैं। इसके दो à¤à¥‡à¤¦ होते हैं।
कà¤à¥€-कà¤à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤˜à¤¾à¤¤à¤• पीलिया साबित होने वाली पीलिया का ईलाज समà¥à¤à¤µ और सà¥à¤²à¤ है. पीलिया होने पर सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जरूरी है फौरी चिकितà¥à¤¸à¥€à¤¯ सलाह. हालांकि, उन घरेलू उपायों की à¤à¥€ कमी नहीं है जिससे पीलिया से राहत मिल सकती है।
-अनार के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को छाया में सà¥à¤–ा लें. सूखे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को कूट-पीसकर बारीक चूरà¥à¤£ बना लें. सेहत पर पीलिया के नकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ को रोकने के लिये रोजाना तीन-तीन गà¥à¤°à¤¾à¤® चूरà¥à¤£ सà¥à¤¬à¤¹ और शाम मटà¥à¤ े के साथ सेवन करने से पीलिया का खातà¥à¤®à¤¾ हो जाता है।
-गनà¥à¤¨à¥‡ के 100 गà¥à¤°à¤¾à¤® रस में 7 से 8 गà¥à¤°à¤¾à¤® आंवले का रस मिला लें. दिन में दो बार इसके सेवन से पीलिया रोग नषà¥à¤Ÿ हो जाता है।
-पीलिया गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ बचà¥à¤šà¥‡ के गले में गिलोय की लता लपेटने से पीलिया की विà¤à¥€à¤·à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ कम हो जाती है।
-गनà¥à¤¨à¥‡ के 100 गà¥à¤°à¤¾à¤® रस में अमलतास के 5 गà¥à¤°à¤¾à¤® पीसे गूदे को मिलाकर पिलाने से पीलिया रोग से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिलती है।
-नीम की 5 गà¥à¤°à¤¾à¤® छाल को जल में मिलाकर उबालकर कà¥à¤µà¤¾à¤¥ बना लें. 50 गà¥à¤°à¤¾à¤® कà¥à¤µà¤¾à¤¥ में शहद मिला दें. इसे दिन में दो-तीन बारे पिलाने से पीलिया से राहत मिलती है।
-हलà¥à¤¦à¥€ का चूरà¥à¤£ बना लें. उससे 5 गà¥à¤°à¤¾à¤® चूरà¥à¤£ निकाल कर दही में मिला लें. हलà¥à¤¦à¥€-चूरà¥à¤£ और दही के इस मिशà¥à¤°à¤£ के सवन से पीलिया से उबरा जा सकता है।
-50 गà¥à¤°à¤¾à¤® मूली के रस में 5 से 7 गà¥à¤°à¤¾à¤® शकà¥à¤•à¤° मिलाकर पिलाने से पीलिया नषà¥à¤Ÿ हो जाता है।
-बेल के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के 5 गà¥à¤°à¤¾à¤® रस में काली मिरà¥à¤š के दो दानों को मिला लें. इसका चूरà¥à¤£ बनाकर सेवन करें. पीलिया से लाठमिलेगा।
इसके अलावा इसके इलाज़ में सतरà¥à¤•à¤¤à¤¾ की जरà¥à¤°à¤¤ के साथ साफ़ सफाई का विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखे। उबला पानी का सेवन अतिआवशà¥à¤¯à¤• होता हैं। इसके लिठपथà¥à¤¯ में शालिधानà¥à¤¯ का à¤à¤¾à¤¤ ,जाऊ ,गेंहू ,की रोटी ,मà¥à¤‚ग अरहर ,मसूर की दाल खिलाना चाहिà¤à¥¤ इसके आहार में यह धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना जरà¥à¤°à¥€ हैं की à¤à¤¸à¤¾ आहार जिससे लिवर या यकृत पर अधिक बोठपाचन करने में न पड़े। धान की लाई ,मà¥à¤°à¤®à¥à¤°à¤¾ ,मखाना ,दे सकते हैं गनà¥à¤¨à¥‡ का रस में सफाई का विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखा जाठअनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ गनà¥à¤¨à¥‡ की गरेड़ी चबाने के लिठदेना लाठदायक हैं।
दाड़िम घृत ,दà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤·à¤¾ घृत ,हरिदà¥à¤°à¤¾à¤¦à¤¿ घृत उपयोगी होते हैं।
इसके अलावा फ़लतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤¦à¤¿ कà¥à¤µà¤¾à¤¥ ,कालमेघ नवायस ,कामला हर रास ,आरोगà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨à¥€ वती ,कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤µ à¤à¥€ लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ होते हैं।